इंफाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़ गए हैं। राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश को Disturbed Area यानी अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। वहीं तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया है। बावजूद हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। 2 लापता स्टूडेंट्स की हत्या के विरोध में हो रहे प्रदर्शन अब हिंसक हो गए हैं। 

भीड़ ने इंफाल में मणिपुर की बीजेपी अध्यक्ष शारदा देवी के घर में तोड़फोड़ की। उधर, थाउबल जिले में BJP ऑफिस में आग लगा दी गई। भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले, नकली बम फेंके। साथ ही पैलेट गन भी चलाई। इसमें कई छात्र घायल हो गए। बुधवार को राजधानी इंफाल सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे।

इंफाल के सिंग जामेई इलाके के 20 साल के एस उत्तम नाम के छात्र के सिर में कई छर्रे घुसने से उसकी हालत गंभीर है। इंफाल घाटी में पिछले 2 दिन में हुए प्रदर्शन में 50 लोग घायल हुए हैं। इनमें ज्यादातर छात्र हैं। 3 मई से शुरू हुई मणिपुर हिंसा में शुरू से अब तक सरकार और सुरक्षाबलों के खिलाफ लोगों में इतनी नाराजगी देखने को नहीं मिली थी।

मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में AFSPA अभी लागू रहेगा। सरकार ने इसे 1 अक्टूबर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया है। सिर्फ 19 थाना क्षेत्रों को इससे अलग रखा गया है। मणिपुर की एन बीरेन की सरकार द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कई चरमपंथी/विद्रोही विचाराधारा के हिंसक हमले के कारण पूरे मणिपुर में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशत्र बलों की जरूरत है। आगे कहा गया है कि राज्य में समग्र कानून और व्यवस्था की स्थिति और राज्य की कानून की क्षमता को देखते हुए राज्य सरकार ने छह महीने की अवधि के लिए वर्तमान शांति क्षेत्र की स्थिति पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय लिया है।