पटना। क्या बिहार में बनने जा रही एनडीए की नई सरकार से उप-मुखयमंत्री सुशील मोदी का पत्ता कट सकता है? ये सवाल इसलिए क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स में बीजेपी नेता कामेश्वर चौपाल को प्रदेश का अगला उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज होने वाली एनडीए की बैठक में बिहार में नई सरकार के गठन और शपथ ग्रहण समारोह के बारे में चर्चा होनी है। इसी बैठक में अगले मुख्यमंत्री के तौर पर  नीतीश कुमार के नाम का औपचारिक एलान भी किए जाने की उम्मीद है।

इस बीच मीडिया में चल रही अटकलों को हवा देते हुए कामेश्वर चौपाल पटना पहुंच चुके हैं। उन्होंने खुद को बिहार का अगला उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों से इनकार भी नहीं किया है। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं। पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी सौंपेगी, वह मुझे स्वीकार है।' 

अगर कामेश्वर चौपाल को उप-मुख्यमंत्री बनाए जाने की खबर सच निकली तो बिहार की अगली सरकार में सुशील मोदी की भूमिका क्या होगी? क्या इस बार बिहार में भी उत्तर प्रदेश की तरह एक की जगह दो उप-मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे? या फिर सुशील मोदी पूरी तरह दरकिनार कर दिए जाएंगे? क्योंकि लंबे समय तक उप-मुख्यमंत्री रहने के बाद सुशील मोदी को एक सामान्य कैबिनेट मंत्री के तौर पर नीतीश कैबिनेट का हिस्सा तो नहीं बनाया जा सकता। या फिर मोदी कैबिनेट के विस्तार में सुशील मोदी को जगह दी जाएगी? ये तमाम सवाल हैं, जिनके जवाब अगले कुछ दिनों में मिलने की उम्मीद है।

कौन हैं कामेश्वर चौपाल 

दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कामेश्वर चौपाल का नाम अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मुहिम से जुड़ा रहा है। साल 1989 में अयोध्या में राम मंदिर के लिए हुए शिलान्यास में कामेश्वर चौपाल ने ही पहली ईंट रखी थी। आरएसएस ने उन्हें पहला कारसेवक का दर्जा दिया है। कामेश्वर चौपाल 1991 में दिवंगत एलजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं, हालांकि तब उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। चौपाल ने आखिरी बार बीजेपी के टिकट पर साल 2014 में सुपौल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, तब भी उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार रंजीता रंजन ने हरा दिया था।