भीमा-कोरेगांव मामले में करीब दो साल से जेल में बंद सामाजिक कार्यकर्ता और जनकवि वरवर राव की सेहत काफी खराब होने की खबरें हैं। वरवर राव 78 साल के हैं और उनके परिवार के लोगों ने आरोप लगाया है कि जेल प्रशासन राव के स्वास्थ्य को लेकर जानकारियां छिपा रहा है। 28 मई को वे जेल के अंदर गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें फिर से जेल में डाल दिया गया। बताया जा रहा है कि वे फिलहाल बेहोशी की हालत में हैं। दूसरी तरफ उनकी रिहाई की मांग भी जोर पकड़ रही है।

कोरोना वायरस महामारी के बीच अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए वरवर राव ने इसी मामले में एक और आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता शोमा सेन के साथ अस्थाई जमानत का अनुरोध किया था। हालांकि, 26 जून को मुंबई की एक विशेष अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका पर आपत्ति जताते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कहा था कि दोनों आरोपी जीवन को खतरा होनो वाली किसी भी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं और उनकी मेडिकल रिपोर्ट में भी किसी गंभीर बीमारी का जिक्र नहीं है।

बताया जा रहा है कि इस बीच राव की बात अपनी पत्नी हेमलता और बेटी पवना से हुई है। उन दोनों का कहना है कि राव की हालत बहुत गंभीर है और वे लड़खड़ाती हुई आवाज में बात कर रहे थे। राव को तुरंत किसी अस्पताल में भर्ती कराए जाने की जरूरत है। उनके परिवार ने जेल प्रशासन और एनआईए पर जानबूझकर राव के स्वास्थ्य के बारे में जानकारियां छिपाने और उन्हें समुचित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध ना कराए जाने का आरोप लगाया है।

भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन पर पुणे में 31 दिसंबर, 2017 को माओवादी समर्थित कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। पुलिस का दावा है कि इस कार्यक्रम के चलते ही अगले दिन हिंसा हुई। राव इस समय मुंबई के तलोजा जेल में बंद हैं। उन्हें इस साल की शुरुआत में मुंबई की यरवदा जेल से यहां शिफ्ट किया गया था।