नई दिल्ली। संसद में 'वंदे मातरम' पर चर्चा के विषय पर कांग्रेस और विपक्ष के अन्य दलों के नेताओं ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर निशाना साधा। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी 'वंदे मातरम' गीत को भी राजनीति का मुद्दा बना रही है।

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि जब भारत की आजादी के लिए लड़ाई चरम पर थी, तब कांग्रेस 'वंदे मातरम' गाकर कुर्बानी और बलिदान का इतिहास लिख रही थी। कांग्रेस के अधिवेशन 'वंदे मातरम' गीत के साथ शुरू और संपन्न होते हैं। उस समय बीजेपी संगठन से जुड़े हुए उनके नेता अंग्रेजों की गुलामी कर रहे थे। अब बीजेपी के लोग 'वंदे मातरम' पर चर्चा के जरिए अपने पाप का प्रायश्चित करेंगे।

कांग्रेस सांसद उज्ज्वल रमन सिंह ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'वंदे मातरम' हम सबके लिए, हर पार्टी के लोगों के लिए गर्व की बात है। लेकिन बीजेपी इसे भी राजनीति का मुद्दा बना रही है। अगर उन्होंने आजादी से पहले 'वंदे मातरम' के लिए लाठियां खाई होतीं, अगर इसके लिए अपनी जान कुर्बान की होती, तो आज उन्हें बोलने का हक था। उन्होंने कहा कि देश की जनता के साथ बीजेपी का सरोकार नहीं है। लोग इस सरकार से कट चुके हैं। यह स्वतंत्रता सेनानियों और बलिदानियों पर उपहास करना चाहते हैं।'

वहीं, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मैं 'वंदे मातरम' पर चर्चा का स्वागत करती हूं। यह हमारे इतिहास का हिस्सा है, जो हमारी संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह वह इतिहास है जिसमें सभी भारतीय देश से अंग्रेजों को भगाने के लिए एकजुट हुए थे। इसलिए, आज की चर्चा देश के हित में होनी चाहिए, न कि राजनीतिक फायदे के लिए। सही तरीके से 'वंदे मातरम' के विषय पर संसद में चर्चा हो तो यह अच्छा होगा।

उन्होंने आगे कहा, 'हास्यास्पद यह है कि 'वंदे मातरम' पर चर्चा वे लोग करना चाह रहे हैं, जिन्होंने राज्यसभा में 'एंटी-नेशन' नोटिफिकेशन निकाला था। सांसदों पर पाबंदी लगाई गई कि वे 'जय हिंद' और 'वंदे मातरम' नारे नहीं लगा सकते। इससे स्पष्ट दिखता है कि सत्ता पक्ष की 'करनी और कथनी' में अंतर है।'