हिंदी न्यूज चैनल आजतक से पत्रकार नवीन कुमार को निकाले जाने पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए हैं. मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता और राज्य के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के आदेश पर पत्रकार नवीन कुमार को चैनल से निकाला गया है.



जीतू पटवारी ने ट्वीट किया, “लोकतंत्र का चौथा स्तंभ संकट में है, वो पत्रकार जो पत्रकारिता के साथ न्याय करते हैं उनका आज के लोकतंत्र में दम घुट रहा है.”



पटवारी ने आगे कहा, “सरकार के निर्देश पर आजतक के कार्यक्रम ‘दस्तक’ के प्रोड्यूसर नवीन कुमार को नौकरी से निकालना यह सिद्ध करता है कि मीडिया संस्थानों को सरकार चला रही है.”



 





बताया जा रहा है कि सरकार को आजतक के पत्रकार नवीन कुमार की आवाज चुभने लगी थी. उनके कार्यक्रम का अंदाज और सवाल उठाना सरकार को रास नहीं आ रहा था. लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों की बदहाली को लेकर बनाए गए एक कार्यक्रम में उन्होंने सीधे देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से चुभते हुए सवाल पूछे थे.



इलाज ना मिलने पर एक गरीब की मौत हो जाने पर पत्रकार नवीन कुमार ने पूछा कि क्या उसे एयरलिफ्ट नहीं किया जा सकता है. यह सवाल व्यंग के अंदाज में था. सरकार ने विदेश में फंसे अमीर भारतीयों को तो एयरलिफ्ट कर लिया, लेकिन लॉकडाउन में फंसे गरीब लोगों के लिए इलाज का भी इंतजाम नहीं किया.



यह कोई पहली बार नहीं है कि सरकार के दवाब में पत्रकारों को निकाले जाने के आरोप लगे हों. इससे पहले साल 2018 में एबीपी न्यूज चैनल ने तीन पत्रकारों पुण्य प्रसून बाजपेयी, मिलिंद खांडेकर और अभिषार शर्मा को निकाल दिया था. तब भी ऐसे ही आरोप लगे थे.



पुण्य प्रसून बाजपेयी को तो बाद में उनकी पूरी टीम के साथ सूर्या न्यूज से भी निकाल दिया गया था. वहीं इस पूरे प्रकरण पर पत्रकार नवीन कुमार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट भी डिएक्टिवेट कर दिए हैं.