इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट के पूर्व विधायक और उज्‍जैन से पूर्व सांसद प्रेमचंद गुडडू ने भाजपा द्वारा दिए गए नोटिस का जवाब देते हुए लिखा है कि वे 9 फरवरी को ही पार्टी छोड़ चुके हैं। गुड्डू ने कहा कि अपने राजनीतिक अनुभव के चलते मुझे इस बात का एहसास हो गया था कि मैंने भाजपा की सदस्यता लेकर गलती की है। और मैंने यह गलती सुधार ली। कांग्रेस के बागी ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट पर हमला जारी रखते हुए गुड्डू ने पत्र में लिखा है कि मैंने कांग्रेस में रहते हुए भी कई बार उनके खिलाफ आवाज उठाई है। सिंधिया परिवार कभी किसी का सगा नहीं हुआ है। जब वे कांग्रेस में थे तो कमलनाथ सरकार को किसानों की समस्या को लेकर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी थी। अब जब पूरा प्रदेश त्राहिमाम कर रहा है तो वे कहां हैं?  गुड्डू ने लिखा है कि मप्र में कोरोना फैलने के जिम्‍मेदार पूर्व स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री और भाजपा सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट हैं। जब कोरोना रोकने के जतन करना थे तब वे बेंगलुरू की होटल में बैठ कर आराम फरमा रहे थे।

भाजपा प्रदेश अध्‍यक्ष को भेजे पत्र में गुड्‌डू ने लिखा है कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से पहले 9 फरवरी को भाजपा से इस्तीफा दे चुका हूं। उसके बाद पूरे देश में कोरोना से अपनी दस्तक दी, लेकिन केंद्र सरकार कोरोना के नियंत्रण की बजाय मध्य प्रदेश में ऑपरेशन लोटस में लगी रही। उस समय मुझे एहसास हुआ कि देश के सामने पैदा हो रही समस्या का समाधान करना या उसे विकराल रूप में जाने से रोकने के बजाय भाजपा का लक्ष्य दल-बदल कर सत्ता प्राप्त करना है। मेरे त्यागपत्र देने के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। विधासभा चुनाव में भाजपा ने सिंधिया पर सीधा हमला बोला। मैंने कांग्रेस में रहते हुए भी कई बार उनके खिलाफ आवाज उठाई है।

इधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि उन्हें आज तक गुड्डू का इस्तीफा नहीं मिला है गौरतलब है कि प्रेमचंद गुड्डू द्वारा सिलावट और सिंधिया के खिलाफ लगातार टिप्पणी किए जाने पर भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश सोनकर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था।