मध्‍य प्रदेश में 24 विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों शुरू हो गई हैं। कांग्रेस और बीजेपी संगठन के स्‍तर पर मैदान में कमर कस चुकी है। भाजपा सरकार युवाओं को आकर्षित करने के लिए सरकारी भर्ती का दांव आजमाने जा रही है। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर वित्‍त विभाग ने भर्ती की तैयारी भी शुरू कर दी है।

एमपी में सरकार बनाए रखने के लिए बीजेपी को कम से कम सात विधायकों की जरूरत है। फिर वह कांग्रेस को कमजोर दिखाने के लिए 24 में से अधिकांश विधानसभा सीटों पर चुनाव जीतना चाहती है। इसके लिए तमाम तरह की कवायद के साथ ही युवाओं को रिझाने का जतन भी किया जा रहा है। बीजेपी सरकार तैयारी में हैं कि उपचुनाव की घोषणा के पहले सरकारी नौकरियों के द्वार खोल दिए जाएं। सरकार इस कोशिश में जुटी है कि भर्ती परीक्षा भले ही न हो लेकिन कम से कम प्रकिया शुरू हो जाए ताकि प्रचार के दौरान युवाओं को सरकारी नौकरी को मेगा कैम्‍पेन के रूप में लांच किया जा सके।

यही कारण है कि मुख्‍यमंत्री चौहान के निर्देश पर वित्‍त विभाग ने सभी विभागों के साथ बैठक कर रिक्‍त पदों की समीक्षा कर बजट का आकलन करना शुरू कर दिया है। जल्‍द ही प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग,महिला बाल विकास,सामाजिक न्याय,स्वास्थ्य,पुलिस सहित करीब एक दर्जन विभागों में खाली पदों पर भर्ती प्रकिया आरंभ होगी।

गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार में तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने भी 15 साल बनाम 11 महीने के सरकार की अपनी उपलब्धियों में युवाओं के रोजगार को बड़ी सफलता के रूप में बताया था। भाजपा अब इस उपलब्धि को अपने खाते में डालना चाहती है।

ये है प्लान

मध्य प्रदेश में इस वक्त करीब-करीब हर विभाग में पद खाली पड़े हैं। सरकार का ध्यान इन्हीं खाली पदों को भरने पर है। योजना है कि इन पदों को प्रोफेशनल एक्‍जामिनेशन बोर्ड और एमपीपीएससी के जरिए भरने की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाए। भर्ती विज्ञापन जारी होने या परीक्षा के पहले आचार संहिता लग भी जाती है तो उप चुनाव में युवा वोट पाने के लिए यह योजना काम तो आ ही जाएगी।