कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि लॉकडाउन की रणनीति असफल साबित हुई है। देश में 4 चरणों में लागू lockdown का नतीजा सिफर रहा है और ये कोरोना को रोकने में नाकामयाब साबित हुआ है। राहुल गांधी ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर ये आरोप लगाया है। 

उन्होंने ये भी कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और हम लॉकडाउन हटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किया था वो लक्ष्य हासिल नहीं हुआ है।

साथ ही उन्होंने यह भी जानना चाहा कि कोरोना वायरस का सामना करने के लिए सरकार की आगे की योजना क्या है. उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य सरकारों की मदद ना करने का भी आरोप लगाया. 

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार से बहुत उम्मीद थी लेकिन उसने निराश किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि 21 दिन में कोरोना को हरा देंगे लेकिन चार लॉकडाउन के बाद भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि भारत के प्रवासी मजदूर सरकार से निराश हुए हैं और उन्हें बहुत बुरा लगता है जब कोई भारतीय कहता है कि उसे कोई उम्मीद नहीं है.

राहुल गांधी ने एक बार फिर से कहा कि सरकार को गरीबों के खाते में हर महीने 7,500 रुपये कैश डालने चाहिए. उन्होंने कहा कि दूसरे देशों द्वारा दी जानी वाली रेंटिंग को नजरअंदाज कर सरकार को प्रवासी श्रमिकों के खाते में पैसे डालने चाहिए क्योंकि वे ही हमारे देश की नींव हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री अब लोगों के सामने नहीं आ रहे हैं, उन्हें लोगों के सामने आना चाहिए. इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि हमें हाई रिस्क ग्रुप में शामिल लोगों को बचाने के लिए रूपरेखा तैयार करनी चाहिए.