गरीब मजदूर की पत्नी चंदना बाउरी ने पश्चिम बंगाल के सालतोरा से विधायक बनकर कमाल कर दिया है। एक टूटी फूटी झोपड़ी में गुजर बसर करने वाली महिला अब पश्चिम बंगाल की विधान सभा में विधायक के तौर पर लोगों के हितों की लड़ाई लड़ेंगी। सालतोरा विधानसभा सीट से चंदना बाउरी ने 4145 मतों से टीएमसी उम्मीदवार को हराया है। चुनाव के लिए भरे हलफनामें के अनुसार चंदना के खाते में केवल 31,985 रुपये हैं। वहीं संपत्ति के नाम पर तीन गाय और एक बकरी है। चंदना बाउरी के पति एक दिहाड़ी मजदूर हैं, वे राजमिस्त्री का काम करते हैं।





उनकी झोपड़ी में शौचालय भी नहीं है। वो चुनाव में भगवा रंग की साड़ी पहनकर ही जाती थीं। तीन बच्चों की मां को कभी उम्मीद भी नहीं थी कि वे कभी प्रदेश की विधायक बनेंगी। उनका कहना है कि टिकट की घोषणा से पहले उन्हें नहीं पता था कि उन्हें विधान सभा चुनावों में उम्मीदवार चुना जाएगा। कई लोगों ने उन्हें नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया था।





लोगों के कहने पर उन्होंने ऑन लाइन नामांकन करवा दिया था। टिकट मिलने के कई दिनों तक तो उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि उन्हें टिकट मिल गया है। और अब तो चंदना बाउरी विधायक बन गई हैं, उन्होंने बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत लिया है। चंदना की जीत से उनके समर्थक काफी खुश हैं। सोशल मीडिया पर चंदना के चर्चे हो रहे हैं। ट्वीटर पर एक यूजर लिखते हैं कि ''बिना किसी राजनीतिक बैंकग्राउंड के यह "आम महिला" की जीत है। बाउरी के पास न मनी है न पॉवर फिर भी जीत गईं।" उन्हें सलाम। चंदना ने तृणमूल कांग्रेस के संतोष कुमार मोंडल को चार हजार से ज्यादा वोटों से हराया है।



 





चंदना बाउरी की जीत इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि वो एक गरीब परिवार से हैं, ना कोई प्रापर्टी और ना ही बैंक बेलेंस, महज एक झोपड़ी और कुछ पैसे हैं। राजनीति में आकर वे अपने जैसे गरीबों की सेवा करना  चाहती हैं, औरतों के हितों के लिए लड़ना चाहती हैं, हाल ही में उन्होंने अपना ट्वीटर अकाउंट भी खोला है, उसे चलाने की जिम्मेदारी रवि बोष को दी है।