नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश की एक महिला IAS ने अपनी शादी में कन्यादान की रस्म नहीं होने दी। यह शादी IAS तपस्या परिहार और IFS गर्वित गंगवार की थी। तपस्या ने अपने पिता से कहा कि मैं आपकी बेटी हूं, कोई दान की चीज नहीं। इतना ही नहीं उन्होंने अपने होने वाले पति और ससुराल वालों को भी इस रस्म को नहीं करने के लिए मना लिया। इस शादी के दौरान वर वधु ने एक दूसरे के आगे पीछे नहीं बल्कि साथ-साथ चलते हुए सात फेरे लिए, और जिंदगीभर साथ निभाने की कस्में खाईं। यह अनोखी शादी नरसिंहपुर जिले के जोबा गांव में संपन्न हुई।

तपस्या परिहार अपनी शादी में कन्यादान से इनकार करने पर सुर्खियों में हैं। तपस्या ने अपने पिता से कहा कि ‘मैं दान की चीज नहीं हूं, आपकी बेटी हूं’। वैदिक शादी में कन्यादान की रस्म नहीं करने के बारे में तपस्या का कहना है कि उनके मन में हमेशा से ही इस रिवाज को लेकर सवाल था। वे समाज की कन्यादान की विचारधारा के बारे में सोचती थी कि कैसे कोई किसी का कन्यादान कर सकता है, वो भी उसकी इच्छा के बगैर।

 

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यही बात धीरे-धीरे तपस्या ने अपनी फैमिली से भी की। पहले तो लोगों को उनके विचार नहीं जमे, लेकिन एक दौर वह भी आया जब उनका परिवार इस बात के लिए राजी हो गया। वहीं जब शादी तय हुई तो उनके दूल्हे और वर पक्ष को भी बिना कन्यादान के शादी के लिए मना लिया गया। जोबा गांव में ही इस शादी की रस्मों के बाद रिसेप्शन रखा गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। तपस्या नरसिंहपुर के जोबा गांव के किसान की बेटी हैं, उन्होंने केन्द्रीय विद्यालय स्कूली शिक्षा हासिल की है। फिर उन्होंने पुणे के इंडियन लॉ सोसायटी के लॉ कॉलेज से लॉ में ग्रेजुएशन किया है। 2018 की UPSC परीक्षा में उन्हें 23वीं रैंक मिली थी।