रायपुर/कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला अस्पताल से अमानवीय घटना सामने आई है। प्रसव पीड़ा से कराह रही प्रसूता को एडमिट करने की वजाय उसे कोरोना जांच के लिए कहा गया। कोरोना टेस्ट के लिए लाइन में लगी प्रसूता ने बच्चे को जन्म दे दिया। 

घटना कोरबा जिला अंतर्गत नकटीखार गांव की बताई जा रही है। सोमवार सुबह 27 वर्षीय गनेशिया बाई मंझवार को प्रसव पीड़ा हुई। गर्भवती ने अपने पति देवनंद के साथ महतारी एक्सप्रेस से सुबह 9 बजे जिला अस्पताल पहुंची। अस्पताल पहुंचते ही उन्हें कोरोना जांच कराने को कहा गया। प्रसूता को बाहर कोरोना जांच के लिए ले जाया गया लेकिन सुबह कोरोना जांच केंद्र खुला न होने की वजह से प्रसूता के साथ आए मितानिन और परिजन उसे स्ट्रेचर पर लेकर जिला अस्पताल कोरोना जांच केंद्र पहुंचे। जिला अस्पताल में लंबी कतार लगी हुई थी। गर्भवती केंद्र के बाहर लाइन में लग गई।  इस बीच प्रसूता दर्द से चीखने लगी और कुछ मिनटों में ही वहीं प्रसव हो गया। प्रसूता को एक व्हील चेयर में उसे बिठाकर मेटरनिटी वार्ड ले जाया गया।


प्रसूता की बाद में कोरोना जांच की गई, जिसमें मां और नवजात शिशु दोनों की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनों ही स्वस्थ हैं। उन्हें किसी भी प्रकार का खतरा नही है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ.अरुण तिवारी से जब पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि पहले भी गर्भवती महिला पॉजिटिव मिल चुकी हैं, इसलिए काेराेना की जांच जरूरी है।