पंडित प्रदीप मिश्रा की दानपेटी से लाखों की चोरी, बाबा के सात खास भक्तों के पास थी ताले की चाबी

भिलाई में शिव महापुराण की कथा सुनाने पहुंचे थे पंडित प्रदीप मिश्रा, दानपेटी से लाखों रुपए हो गए गायब, बदनामी के डर से मिश्रा ने लिखित शिकायत देने से किया इनकार

Updated: May 02, 2023, 05:51 PM IST

भिलाई। मध्य प्रदेश के चर्चित कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की दानपेटी से चोरी की खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि अज्ञात लोगों ने दानपेटी से लाखों रुपए गायब कर दिए। ये रुपए भक्तों की ओर से प्रदीप मिश्रा को चढ़ावा/दान के रूप में दी गई थी। मिश्रा ने बदनामी के डर से इस संबंध में लिखित शिकायत भी नहीं दी है।

दरअसल, पंडित प्रदीप मिश्रा छत्तीसगढ़ के भिलाई में शिव महापुराण की कथा सुनाने आए थे। कथा के अंतिम दिन जब दान पेटी खोली गई तो वो पूरी तरह से खाली थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दान पेटी मंच के ऊपर वहीं रखी थी, जहां पर रखी रहती थी। दान पेटी में ताला भी लगा हुआ है। ताले की चाबी सीहोर से आए बाबा के खास 7 भक्तों के पास थी। जबकि रुपए गायब थे।

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स्पष्ट है कि दानपेटी को चाबी से खोलकर रुपयों को निकाला गया और भी ताला बंद कर दी गई। चूंकि, ताले की चाबी सीहोर से आए बाबा के खास 7 भक्तों के पास थी, इसलिए से संदेह के घेरे में हैं। मौखिक शिकायत के बाद पुलिस अधिकारियों ने जब वहां लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक करने की बात कही, तो बाबा ने लिखित शिकायत करने से मना कर दिया। वे नहीं चाहते कि उनका कोई भक्त चोरी के आरोप में पकड़ा जाए।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पूजा पाठ में मिलने वाली राशि टैक्स फ्री होती है, लेकिन उसका पूरा लेखा जोखा होना चाहिए। पं. प्रदीप मिश्रा की दान पेटी रोज खोली जाती थी और उसमें भरा हुआ कैश उनके भक्त लेकर जाते थे। उनके द्वारा न तो दान पेटी में कोई नंबर लिखा जाता था और न रजिस्टर में ये लिखा जाता है कि किस दिन कितना दान आया। इस तरह से बिना लिखा-पढ़ी का दान लेना और रखना भी गलत है। वहीं, ये भी स्पष्ट नहीं है कि कितने रुपए चोरी हुए।

हैरानी की बात ये है कि 40 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे होने और एक हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों के तैनाती के बावजूद ये घटना हुई है। ऐसे में चोरी आशंका पंडित मिश्रा के करीबियों पर है। पुलिस अधिकारियों ने ये भी बताया मंच या दान पेटी के पास पुलिसकर्मियों को जाने की मनाही थी। वहां केवल बाबा के खास भक्त और आयोजनकर्ता ही रहते थे।