रायपुर। बीजापुर हमले के बाद नक्सलियों के चंगुल में कैद राकेश्वर सिंह को रिहा कर दिया गया है। नक्सलियों ने सीआरपीएफ के कोबरा जवान राकेश्वर सिंह मन्हास को रिहा कर दिया है। नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाए जाने के बाद राकेश सिंह मन्हास को तर्रेम लाया गया है। जहाँ पर उनका मेडिकल चेक अप किया जा रहा है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राकेश्वर सिंह को सरकार द्वारा बनाए गए दो मध्यस्थ पद्म श्री धर्मपाल सैनी और गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया के अध्यक्ष की उपस्थिति में रिहा किया गया है। रिर्पोर्ट्स के मुताबिक राकेश्वर सिंह की रिहाई के समय ग्रामीण भी वहीं मौजूद थे।  

 

राकेश्वर सिंह की रिहाई पर उनकी पत्नी मीनू ने अपनी खुशी ज़ाहिर की है। मीनू ने कहा है कि उन्होंने इस दौरान कभी भी अपने पति के घर वापिस लौटने की आस नहीं छोड़ी थी। मीनू ने कहा कि वे अपने पति की वापसी को लेकर हमेशा आशावान थीं। मीनू ने अपने पति की रिहाई के लिए सरकार का शुक्रिया अदा किया है। 

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3 अप्रैल को बीजापुर में हुए नक्सली हमले के दौरान 22 जवानों की मौत हो गई थी। जबकि राकेश्वर सिंह मन्हास को नक्सलियों ने कैद कर लिया था। नक्सली हमले में 5 नक्सली भी मुठभेड़ के दौरान मारे गए थे। इसकी जानकारी खुद नक्सलियों ने दी थी। 

राकेश्वर सिंह मन्हास के नक्सलियों के चंगुल में फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद जवान की पांच वर्षीय बेटी राघवी का वीडियो सामने आया था जिसमें राघवी नक्सलियों को अंकल कह कर सम्बोधित कर रही थी और अपने पिता की रिहाई की गुहार लगा रही थी। राकेश्वर सिंह की पत्नी मीनू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपने पति की वापसी सुनिश्चित करने की अपील की थी।  

राकेश्वर सिंह का पूरा परिवार जम्मू कश्मीर के नेत्रकोटि में रहता है। राकेश्वर सिंह सीआरपीएफ में 2011 में भर्ती हुए थे। हाल ही में उनकी तैनाती छत्तीसगढ़ में हुई थी।