नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन यानी चलन से बाहर करने का फैसला किया है। इस फैसले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार चौतरफा आलोचना झेल है। पूर्व के अनुभवों के कारण आम लोग और भाजपा समर्थक भी इस फैसले से नाराज हैं। चौतरफा फजीहत के बीच अब निर्णय लिया गया है कि दो हजार के नोट बिना किसी आईडी प्रूफ और फॉर्म भरे ही बैंक की विभिन्न शाखाओं से लोग बदलवा सकेंगे। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि बैंकों में लंबी कतार न लग पाए।

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने रविवार को बताया है कि ग्राहक दो हजार के नोट बिना किसी आईडी प्रूफ और फॉर्म भरे ही बैंक की विभिन्न शाखाओं से बदलवा सकेंगे। एसबीआई ने कहा है कि 20 हजार कीमत तक के नोट बिना आईडी प्रूफ के बदलवाए जा सकेंगे। भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी स्थानीय प्रधान कार्यालयों के मुख्य महाप्रबंधक को पत्र लिखकर भी कहा है कि आम जनता को एक बार में कुल 20,000 रुपये तक के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए किसी फॉर्म की जरूरत नहीं होगी।

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ऐसे नोटों को अपने बैंक खाते में जमा करने के लिए रिजर्व बैंक ने कोई सीमा नहीं तय की है। यानी एक साथ आप लाखों रुपए भी अपने खाते में जमा कर सकते हैं। जहां तक एक्सचेंज की बात है एक दिन में 20 हजार रुपए ही बदले जाएंगे। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए कोई कितनी भी बार भी कतार में खड़ा हो सकता है। यानी एक बार बदलकर आप फिर से जाकर कतार में लग सकते हैं।

बता दें कि एसबीआई का यह स्पष्टीकरण, सोशल मीडिया पर चल रहीं उन खबरों के बाद सामने आया है, जिनमें दावा किया जा रहा था कि दो हजार के नोट बदलवाने के लिए आईडी प्रूफ, आधार कार्ड दिखाने के साथ ही एक फॉर्म भी भरना होगा। देशभर में नोट बदलने की सुविधा 23 मई से उपलब्ध होगी। हालांकि, कई ग्राहक शनिवार को भी 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए अपनी शाखाओं में पहुंच गए थे, जिन्हें समझाकर वापस भेजा गया।