नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं, राहुल गांधी का बड़ा बयान

सावरकर के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया गया है। विपक्ष का कहना है कि भाजपा आदिवासी महिला राष्ट्रपति का अपमान कर रही है।

Updated: May 21, 2023, 03:16 PM IST

नई दिल्ली। नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। दरअसल, उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित न किए जाने पर केंद्र की मोदी सरकार की चौतरफा आलोचना हो रही है। इसी बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बड़ा बयान सामने आया है। राहुल गांधी ने कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विनायक दामोदर सावरकर के जन्मदिन के मौके 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार (18 मई) को जानकारी देते हुए कहा कि संसद भवन का निर्माण पूरा होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकार उनसे उद्घाटन का आग्रह किया है।

हैरानी की बात यह है कि इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित तक नहीं किया गया है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित न किए जाने पर विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार की आलोचना की है। विपक्ष का कहना है कि यह राष्ट्रपति का अपमान है।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने पार्लियामेंट की नई बिल्डिंग को प्रधानमंत्री मोदी की ‘व्यक्तिगत घमंड परियोजना’ बताया है। शुक्रवार को उन्होंने पीएम मोदी की उस तस्वीर को भी शेयर किया था जब प्रधानमंत्री पार्लियामेंट हाउस के मुआयने के लिए वहां पहुंचे थे। तस्वीर को शेयर करते हुए जय राम रमेश ने लिखा, "नए संसद भवन के एकमात्र वास्तुकार, डिजाइनर और कार्यकर्ता, जिसका उद्घाटन वे 28 मई को करेंगे। तस्वीर यह सब बताती है- व्यक्तिगत घमंड परियोजना।"

एक अन्य ट्वीट में जयराम रमेश ने कहा, "हमारे सभी संस्थापक पिताओं और माताओं का पूर्ण अपमान। गांधी, नेहरू, पटेल, बोस, वगैरह को पूरी तरह नकारना। डॉ. आंबेडकर का घोर तिरस्कार।"

मामले पर सीपीआईएम के महासचिव डी. राजा ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, "भाजपा पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति नियुक्त करने का श्रेय लेती है, लेकिन उनके कार्यालय को उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री सरकार के प्रमुख हैं, राष्ट्रपति भारत संघ की प्रमुख हैं और उन्हें उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करना एक घोर अपमान है और उनकी स्थिति को कमजोर करता है।"

कांग्रेस नेता उदित राज ने एक ट्वीट में कहा, "नई संसद का उद्घाटन 28 मई को मोदी जी करने जा रहे हैं। राष्ट्रपति संविधान के संरक्षक हैं, महिला और आदिवासी भी, इसलिए यह सौभाग्य उन्हें मिलना चाहिए।"

अब बड़ा सवाल यह है कि प्रधानमंत्री को संसद का उद्घाटन क्यों करना चाहिए? प्रधानमंत्री कार्यपालिका यानी सरकार में प्रमुख हैं। जबकि राष्ट्रपति भारत संघ यानी यूनियन ऑफ स्टेट्स की प्रमुख हैं। पदवी में राष्ट्रपति का दर्जा हमेशा ऊपर माना जाता है। ऐसे में देश के नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं करने से ज्यादा अपमानजनक व्यवहार क्या हो सकता है।