नई दिल्ली। ज़रूरतमंदों की बढ़-चढ़कर मदद करने के लिए मशहूर फिल्म अभिनेता सोनू सूद की लोकप्रियता लगातार नई ऊंचाइयां छू रही है। लॉक डाउन के दौरान प्रवासी मज़दूरों और मुसीबत में फंसे लोगों के लिए मसीहा बनकर उभरे सोनू सूद का उनके प्रशंसकों ने एक मंदिर बनाया है। यह मंदिर दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य में बनाया गया है, जहां उनकी बाकायदा पूजा की जाती है।



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सोनू सूद का यह मंदिर दक्षिण के तेलंगाना राज्य के सिद्दिपेट ज़िले के डुब्बा टांडा गांव में बनाया गया है। ग्रामीणों ने ही सोनू सूद की दरियादिली से प्रभावित होकर उनका मंदिर बनाया है। सोनू सूद का मंदिर बनाए जाने का उद्देश्य यह है कि लोग ज़्यादा से ज़्यादा सोनू सूद और उनके अच्छे कामों के बारे में जान सकें। डुब्बा टांडा गाँव के आसपास के लोग भी सोनू सूद के मंदिर को देखने पहुँच रहे हैं। एक ग्रामीण ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि सोनू ने महामारी के दौरान बहुत से लोगों की मदद की है, इसलिए सोनू सूद का मंदिर बनाना हम सबके लिए गर्व की बात है।  





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अपना मंदिर बनाए जाने पर सोनू सूद ने क्या कहा

सोनू सूद को जब अपना मंदिर बनाए जाने की खबर लगी तो उन्होंने कहा, ' मैं आप सबका इसके लिए आभारी ज़रूर हूँ लेकिन, मैं इसके काबिल नहीं हूँ।' सोनू सूद ने कोरोना काल में मुंबई व अन्य क्षेत्रों में फंसे मज़दूरों को अपने खर्चे पर घर पहुंचाने का काम किया। तमाम लोग उनसे मदद मांगते हैं और सोनू सूद जहां तक बन प़ड़े उनकी हर संभव मदद अपने खर्चे पर करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है इतने सारे लोगों की मदद करने के लिए सोनू सूद के पास पैसा कहाँ से आता है। दरअसल सोनू सूद ने ज़रूरतमंदों  की मदद करने के लिए अपने 6 फ्लैट्स और दो दुकानों को गिरवी रख कर 10 करोड़ रुपए का क़र्ज़ लिया है। 





सोनू सूद अपने नेक कामों के अलावा अपने अभिनय की वजह से भी दक्षिण भारत में मशहूर हैं। दरअसल सोनू सूद ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत दक्षिण भारतीय फिल्मों से ही शुरू की थी। सोनू सूद कई तेलुगू, तमिल और कन्नड़ फिल्मों में अभिनय कर लोगों का दिल जीत चुके हैं।