Lockdown 4.0 hero सोनू सूद जैसों को 'ढूंढ़ते रह जाओगे'
coronavirus india में फंसे लोगों की गुुुुुहार, सोनू सूद ने कहा - 'परसों मां की गोद में सोएगा मेरे भाई, सामान बांध।'

"सिर्फ इसी गली में नहीं, बम्बई के किसी भी गली में चले जा शेर सिर्फ एक ही है।" अक्सर ऐसा होता है कि गीतकारों द्वारा गाए गाने, अभिनेताओं द्वारा निभाए गए कुछ किरदार और उनके डायलॉग असल ज़िंदगी में भी जीवंत हो उठते हैं। 1973 की बात है ' एक नारी दो रूप' में मशहूर गायक मोहम्मद रफी ने एक गाना गाया था जिसके बोल कुछ यूं थे- 'दिल का सुना साज़ तराना ढूंढेगा...मुझको मेरे बाद ज़माना ढूंढेगा।' 31 जुलाई 1980 को रफी साहब ने दुनिया को अलविदा कह दिया। 1990 में सनी दओल-संजय दत्त की फिल्म क्रोध फिल्मी पर्दे पर जब रिलीज़ हुई तो उस फिल्म में मोहम्मद अज़ीज़ द्वारा गाए गए इस गाने ने मोहम्मद रफी के उस गाने को जीवंत कर दिया। जिसके बोल थे 'न फ़नकार कोई तेरे बाद आया, मोहम्मद रफी तू बहुत याद आया।'
फिलहाल हिंदी फिल्म अभिनेता सोनू सूद के लिए ऐसे ही गाने डेडिकेट करने का मौका है। गरीबों के लिए त्रासदी बन चुकी कोरोना महामारी के समय में सोनू सूद प्रवासी मजदूरों के लिए जो काम कर रहे हैं उसके लिए उनको लंबे अरसे तक याद रखा जाएगा। कोरोना काल में उत्तर प्रदेश और बिहार के बहुतेरे प्रवासी मजदूर लॉकडाउन होने की वजह से मुंबई और देश के अन्य राज्यों में फंसे हुए हैं। ऐसे में सोनू सूद अपने राज्य वापस जाने में असमर्थ मज़दूरों के लिए मसीहा बन कर उभरे हैं। बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले सोनू सूद द्वारा किए जा रहे इन कार्यों के कारण, फिल्मी पर्दे के बाद अब समाज में भी सोनू को एक अलग पहचान मिल रही है। सोनू सूद प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं।
Every call that I get from a migrant who reaches his home safely is my biggest Award. Thank God I have received these awards in thousands ❣️???? https://t.co/0wNyIs3qtF
— sonu sood (@SonuSood) May 24, 2020
फिल्म ' शूट आउट एट वडाला ' में सोनू सूद का ये डायलॉग अब असल ज़िन्दगी में भी जीवंत हो चुका है। आप अब बम्बई की किसी भी गली में चले जाइए, शेर आपको एक ही मिलेगा जिसका नाम सोनू सूद है। सोनू सूद की मदद बम्बई की गली में फंसे प्रवासियों तक पहुंच रही है। सोशल मीडिया के ज़रिए प्रवासी मजदूर और सोनू सूद एक दूसरे से संपर्क साध रहे हैं, जिसके बाद सोनू सूद की प्रवासियों तक मदद भी पहुंच रही है। सोनू सूद के ट्विटर हैंडल पर लॉक डाउन के दौरान बिहार के दरभंगा के रहने वाले बरकत अली ने सोनू सूद को ट्विटर पर बताया कि मुंबई सेंट्रल के पास वो और उसके साथ चार अन्य लोग फंसे हुए हैं। जिसके बाद सोनू सूद ने जवाब में लिखा - ' परसो मां की गोद में सोएगा मेरे भाई, सामान बांध।' लॉक डाउन के दौरान मुंबई में फंसे बस्ती (यूपी) के रहने वाले एक अन्य प्रवासी ने जब सोनू सूद से मदद की गुहार लगाई तब सोनू सूद ने कहा - बस्ती जाने के लिए, अपने बस्ते बांध लो।'
भगवान तो सड़कों पर पैदल निकल पड़े हैं दोस्त। आम इंसान तो उन्हें घर पहुँचने का काम कर रहा है ???? https://t.co/PvG03O6Eo5
— sonu sood (@SonuSood) May 24, 2020
वैसे तो सोनू सूद ने रील लाइफ में बहुतेरे विलन के किरदार निभाए हैं लेकिन रियल लाइफ में सोनू सूद असली नायक के तौर पर उभरे हैं। सोनू सूद द्वारा उठाए जा रहे सराहनीय कदमों की वजह से चारों ओर सोनू सूद की वाह वाही भी हो रही है। 2009 में फिल्मी पर्दे पर सोनू सूद की 'ढूंढ़ते रह जाओगे ' फिल्म रिलीज़ हुई थी। वाकई असल ज़िन्दगी में सोनू सूद जो बेसहारों का सहारा बनने का काबिले तारीफ़ काम कर रहे हैं , उसे देख कर तो यही लगता है कि सोनू सूद जैसे संवेदनशील और दूसरे के दु:ख को सुख में बदलने वाले लोग ढूंढने पर भी नहीं मिलेंगे।
@SonuSood Sir ???? Give me your upi number, I want to donate a few rupees. A little support will also be added to your work.
— Sachin Kumar Singh (@sachinsingh108) May 24, 2020
ThanQ So Much Sir for a Unbelievable Help ????
You are a Real Hero ????????❣️ pic.twitter.com/ASSRc8FRyo