मंडी कर्मचारियों के लिए 25 लाख के आर्थिक मुआवज़े का एलान, फसल उपार्जन के दौरान कोरोना संक्रमण पर सहायता का भरोसा
जान जोखिम में डालकर किसानों की फसल तौलवाने वाले कर्मचारियों के परिवारों को राहत देने की तैयारी, कोरोना संक्रमण से मारे गए सभी वर्ग के कर्मचारियों के परिजनों को सरकार देगी 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद, अप्रैल में अब तक हो चुकी है 31 कर्मचारियों की मौत

भोपाल। कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वाले मंडी बोर्ड और मंडी समिति कर्मचारियों के परिवारों को आर्थिक सहायता निधि के तहत 25 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसकी घोषणा प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने की है। उन्होंने ऐलान किया है कि प्रदेश में फसल उपार्जन के कार्य के दौरान कोरोना संक्रमण से मारे गए कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक मदद के रूप में 25 लाख रुपए दिए जाएंगे।।
आज हमने निर्णय लिया है कि मंडी बोर्ड एवं मंडी समिति के कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो जाने पर हम उनके परिवार को 25 लाख रू की सहायता राशि देंगे।
— Kamal Patel (@KamalPatelBJP) April 28, 2021
सभी श्रेणी के कर्मचारियों के लिए यह राशि समान रूप से दी जाएगी, 1 अप्रैल से नियम लागू होगा।
दरअसल प्रदेश में गेंहू चना की फसल उपार्जन का काम जारी है। प्रदेश में 1 अप्रैल से अब तक 31 कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है। ऐसे मृतकों के परिवारों को जल्द ही सहायता निधि की राशि दी जाएगी। कृषि मंत्री का कहना है कि मंडी बोर्ड और समितियों के वे कर्मचारी जो किसानों की फसलों की तुलाई कर रहे थे। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्यों का पालन किया है।
कृषि मंत्री ने साफ किया है कि सभी श्रेणी और वर्गों के कर्मचारियों के परिवारों को 25 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलेगी। कर्मचारियों के परिजनों को सहायता राशि देने के निर्देश मंडी बोर्ड के एमडी को जारी कर दिए गए हैं। दरअसल कई जगहों पर मंडियों में कर्मचारियों ने कोरोना के डर से खरीदी नहीं करने की घोषणा कर दी थी। इस बीच अब कृषि मंत्री का बयान अहम माना जा रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से जिन कर्मचारियों का निधन हुआ है, उनके परिवार को 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता निधि दी जाएगी।