भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर किसानों के मुद्दे पर शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश के कई हिस्सों से सोयाबीन की फ़सल बर्बाद होने की ख़बर आने के बाद भी शिवराज सरकार मौन है। प्रदेश में किसानों की सुध नहीं ली जा रही है। किसानों की फसलों का कोई सर्वे अबतक नहीं हुआ है। किसानों को किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिली है। 

नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा है कि ख़ुद को किसान पुत्र बताने वाले मुख्यमंत्री अपनी सरकार में किसान भाइयों की इस संकट में सुध तक नहीं ले रहे हैं। किसानों को कोई राहत प्रदान नहीं कर रहे हैं। किसान परेशान हैं, कर्ज के बोझ तले लगातार दबते जा रहे हैं। कांग्रेस ने सरकार से माँग की है कि इस संकट में किसानों को जल्द से जल्द राहत प्रदान करने के लिये ठोस कदम उठाया जाए।

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सर्वे की मांग के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर किसान

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ का कहना है कि किसानपुत्र के राज में किसानों की कोई सुध लेने वाला कोई नहीं है। प्रदेश के गरीब किसान सर्वे और राहत की माँग कर रहे हैं। अन्नदाता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। लेकिन उन्हें राहत प्रदान करने के लिये कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि प्रदेश में एक बार फिर किसान विरोधी सरकार आ गयी है। किसान परेशान हैं, लेकिन सरकार उपचुनाव की तैयारियों में लगी हुई है। प्रदेश के किसान दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं।

किसानों की सोयाबीन की फसल हुई चौपट

सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश के कई हिस्सों से किसानों की सोयाबीन की फ़सल ख़राब होने की खबरें रोज़ सामने आ रही हैं। कही अतिवर्षा के कारण, कहीं व्हाइट फ़्लाई , कही स्टेम फ़्लाई, कही येलो मोज़ेक वाइरस की चपेट में सोयाबीन की फ़सल आ चुकी है। अधिकांश जगह सोयाबीन के पत्ते पीले पड़ने और फसल के सूखने और अफलन की शिकायतें लगातार आ रही हैं।

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जुबानी घोषणाओं से किसानों को कैसे मिलेगी राहत

कांग्रेस का कहना है कि प्रदेश के लाखों किसान परेशान हैं, लेकिन किसानों को राहत देने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाये गए हैं। कमलनाथ का आरोप है कि केवल ज़ुबानी घोषणाओं से ही राहत की बात की जा रही है। प्रदेश का किसान पहले ही कोरोना महामारी की वजह से नुकसान झेल रहा है। वहीं अब फसल खराब होने से उसपर दोहरी मार पड़ी है। शिवराज सरकार में किसान यूरिया की कमी, कालाबाज़ारी और मिलावटखोरी से भी परेशान हैं। वहीं कई जिलों में बाढ़ से भी किसानों की फसल खराब होने की कगार पर है। 

खराब फसल का सर्वे करेगा कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल

अब कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल मालवांचल में किसानों की खराब हुई सोयाबीन की फसल का मुआयना करने के जाएगा। कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल शुक्रवार को हेलीकॉप्टर से देवास जिले के टोंकखुर्द में स्थानीय किसानों से मिलकर उनकी ख़राब फ़सलों की एक रिपोर्ट बनाकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंपेगा। इस प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, गोविंद सिंह और कमलेश्वर पटेल शामिल हैं।