आज कार्तिक मास की अमवस्या है। हिंदू धर्म में इस तिथि को दीवाली के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस तिथि को दीवाली का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली हिंदुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। यही कारण है कि इसके शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा की जाती है।

दीवाली पर्व पर निशिता काल के मुहूर्त का खास महत्व है। शास्त्रों में यह समय मां लक्ष्मी की पूजा के लिए श्रेष्ठ बताया गया है। निशिता काल 24 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 16 मिनट तक है। ऐसे में आप दिन दौरान मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं।

पंचांग के अनुसार, दीवाली के दिन प्रदोष काल शाम 5 बजकर 43 मिनट से शुरू हो रहा है। वहीं प्रदोष काल का समापन रात 8 बजकर 16 मिनट पर होगा।इसके अलावा इस दिन वृषभ काल शाम 6 बजकर 54 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 50 मिनट तक है।

यह भी पढ़ें: दिग्विजय सिंह के घर सजी अनोखी रंगोली, दिवाली पर नफ़रत छोड़ भारत जोड़ने का दिया संदेश

लक्ष्मी पूजा में चौघड़िया मुहूर्त का खास महत्व होता है। ऐसे में दीवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा के लिए भी चौघड़िया मुहूर्त को देखना जरूरी होता है। हर दिन का चौघड़िया मुहूर्त अलग-अलग होता है। इस बार दीवाली सोमवार को यानी आज है। ऐसे में इस दिन के स्वामी ग्रह चंद्र देव हैं और अमृत चौघड़िया मुहूर्त है. इस मुहूर्त में पूजा-पाठ संपन्न करना शुभ होता है।

इसके अलावा  में मां लक्ष्मी की पूजा भी विशेष फलदायी साबित होती है। दीवाली के दिन चौघड़िया मुहूर्त शाम 5 बजकर 29 मिनट से रात 7 बजकर 18 मिनट तक रहने वाला है। इसके साथ ही रात 10 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 05 मिनट तक भी चौघड़िया मुहूर्त है।