नई दिल्ली। सर्दी के मौसम ने अभी पूरी तरह से अलविदा नहीं कहा था कि सूरज ने फरवरी में ही रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। इस बार मौसम ने अजीब करवट ली है। देश के ज्यादातर हिस्सों में सर्दी के बाद बिना बसंत आए ही सीधे गर्मी महसूस होने लगी है। कुछ जगहों पर तो तापमान 40 डिग्री तक पहुंच गई है।

तापमान में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी राजस्थान और गुजरात में दिख रही है। वहां लगभग सभी क्षेत्रों में पारा सामान्य से 9 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा चल रहा है। देश का औसत अधिकतम तापमान 15 मार्च जैसी स्थिति में पहुंच चुका है। शुक्रवार को गुजरात के भुज में लगातार दूसरे दिन देश का सबसे अधिक तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। 

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गुरुवार को भुज में 40.3 डिग्री दर्ज हुआ था, जो फरवरी में दर्ज देश का सबसे अधिक तापमान है। शिमला और मसूरी जैसे हिल स्टेशनों पर तापमान सामान्य से 9 डिग्री तक ज्यादा है। साफ आसमान व शुष्क हवाओं की वजह से दिन का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए मार्च में ही हीटवेव चलने की आशंका है।

भारत के जलवायु विज्ञानी राजेश कपाड़िया ने कहा की, "भारत में फरवरी के महीने में आज (16 फरवरी) 40 डिग्री सेल्सियस तापमान पहली बार दर्ज किया गया। इसके साथ ही फरवरी महीने में तापमान का इतना बढ़ा हुआ स्तर मक्का, सऊदी अरब के साथ-साथ पूरे एशिया में भी पहली बार है।" उन्होंने कहा ये ऐतिहासिक है और ये इससे भी बदतर होता जाएगा।

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जलवायु वैज्ञानिकों ने भविष्यवाणी की है कि अगले कुछ दिनों में हालात और खराब होंगे और भारत और पाकिस्तान में गर्मी से जुड़े दर्जनों रिकॉर्ड टूट जाएंगे। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान के मीठी में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। ये इस देश में फरवरी में दर्ज किया गया अब तक का सबसे अधिक तापमान है। जलवायु वैज्ञानिकों ने कहा कि यहां फरवरी में तापमान के बढ़ने का पिछला रिकॉर्ड 1953 में उमरकोट में 39.4 डिग्री सेल्सियस का रहा था।

भारत में बीते साल अप्रैल में भयंकर लू चली थी, जिसने अप्रैल महीने का 122 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ डाला था। गर्मी से लोग बेहाल हो गए थे। असामान्य तौर से बढ़े तापमान की वजह से भारत के कृषि उत्पादन पर भी इसका बेहद बुरा असर पड़ा था। साल 2022 के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में हुई असामान्य बढ़ोतरी ने 9 राज्यों पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू -कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में फसलों, फलों, सब्जियों और जानवरों को बुरी तरह से प्रभावित किया था। वहीं, इस साल हालात और बिगड़ने की आशंका है।