अगर आपको फोन करके कोई कहे कि मैं अमेज़न या ऐपल का प्रतिनिधि बोल रहा हूं और इन कंपनियों की सेवाओं से जुड़े आपके एकाउंट में कोई गड़बड़ी हो गई है, तो उनकी बात पर फौरन भरोसा मत कर लीजिएगा। न ही उनके कहने पर अपने फोन पर आया कोई कोड शेयर करने या की पैड का कोई बटन दबाने की गलती कीजिएगा। अगर आपने ऐसा किया तो हो सकता है आप उनकी ठगी का शिकार बन जाएं। हम आपको यह चेतावनी इसलिए दे रहे हैं क्योंकि ऑनलाइन ठगी के लिए अब कुछ जालसाज़ अमेज़न और ऐपल जैसे बड़े नामों का सहारा ले रहे हैं।

अमेरिकी अधिकारियों ने खुलासा किया है कि पिछले कुछ अरसे के दौरान कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें जालसाज़ों ने लोगों को ऐपल या अमेज़न के प्रतिनिधि बनकर फोन किया और फिर उन्हें ठग लिया। दरअसल ये ठग इन बड़ी कंपनियों पर आम लोगों के भरोसे का फायदा उठाकर उन्हें अपने जाल में फंसा रहे हैं। अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमीशन के कंज्यूमर इन्फॉर्मेशन पोर्टल ने लोगों को सावधान करते हुए ऐसे जालसाज़ों से बचने की हिदायत दी है। 

कैसे ठगी करते हैं जालसाज़

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक कुछ ठग खुद को ऐपल या अमेज़न का प्रतिनिधि बताकर कॉल करते हैं और फिर लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि उनके उस कंपनी से जुड़े एकाउंट में कोई गड़बड़ी आ गई है, जिसे ठीक करना बेदह ज़रूरी है। अगर यूज़र ने उनकी बात पर विश्वास कर लिया तो ये ठग उनके एकाउंट को ठीक या रिस्टोर करने के नाम पर अपने जाल में फंसाने की कोशिश करते हैं। इसके लिए कई बार यूज़र्स को एक नंबर डॉयल करने को कहा जाता है। अगर यूज़र ने ऐसा कर लिया तो उनकी कॉल स्कैमर्स के पास ट्रांसफर हो जाती है। इसके बाद स्कैमर्स उस यूज़र के लॉगिन, पासवर्ड, पर्सनल डिटेल्स, क्रेडिट कार्ड समेत तमाम संवेदनशील जानकारियां चुरा लेते हैं। इन जानकारियों की मदद से ये ठग यूज़र को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

मिसाल के तौर पर अमेज़न के नाम से की गई एक कॉल में यूजर को बताया गया कि उसके एकाउंट से कोई संदिग्ध खरीददारी हुई है और वह पैकेज डिलीवरी के वक्त कहीं गुम भी हो गया है। इस गड़बड़ी को ठीक करने की आड़ में ठगी की गई। एक यूज़र के पास ऐपल के नाम से कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उनके iCloud ID में कुछ संदिग्ध गतिविधि हो रही है या उनके अकाउंट को किसी ने एक्सेस किया है। अगर इसे तुरंत ठीक नहीं किया गया तो यूजर को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ठीक करने के नाम पर मांगी गई जानकारी या यूज़र को दिए गए इंसट्रक्शन के जरिये उन्हें ठगा गया। दरअसल कई बड़ी कंपनियां अपने ग्राहकों की समस्या का समाधान ऑटोमेटेड कॉल के जरिये करती हैं। इसी सुविधा का फायदा ठग उठा रहे हैं। ऐसे में लोगों को बेहद सतर्क रहने की ज़रूरत है।

ठगी से कैसे बचें

अगर आपके पास भी इस तरह की कोई फर्जी कॉल आए तो सावधानी बरतें। किसी भी संदिग्ध नंबर पर कॉलबैक ना करें, क्योंकि कोई भी कंपनी अपने ग्राहकों से दूसरे नंबर पर कॉल करके शिकायत बताने के लिए नहीं कहती। न ही किसी कॉलर के कहने के आधार पर अपने फोन पर आया कोई कोड या ओटीपी शेयर या डायल करें। हमेशा आधिकारिक रूप से बताए गए कस्टमर केयर नंबर से ही सहायता लें। कॉलर के बताए किसी नंबर पर डायल करने से पहले जांच लें कि वो अधिकृत नंबर है या नहीं। उनके फॉरवर्ड किए किसी संदिग्ध वेबलिंक पर क्लिक भी न करें। हालांकि अब तक भारत में ऐसा कोई केस सामने नहीं आया है, लेकिन विदेशों में कई लोग इन ठगों का शिकार बन चुके हैं। और ग्लोबलाइज़ेशन के इस दौर में ऑनलाइन ठगी के तरीके दुनिया के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने में ज़्यादा वक्त नहीं लगता।