Delhi AIIMS की Nurses ने कोरोना के इस दौर में काम को लेकर शोषण करने का आरोप लगाया है। नर्सों का आरोप है कि उनसे  12-12 घंटे काम करवाया जा रहा है और उन्हें खाने-पीने की भी कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। यही नहीं, उन्हें रात के ड्यूटी के बाद लगातार दिन की ड्यूटी के लिए भी दबाव डाला जा रहा है। कोरोना काल में एक तरफ जहां एम्स की तमाम नर्स मरीजों की सेवा में तत्पर हैं तो वहीं दूसरी तरफ एम्स प्रशासन उनका शोषण कर रहा है। 



एम्स में नर्सों की बदतर हालात का जिक्र करते हुए द ट्रेंड नर्सेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को चिट्ठी लिख कर हस्‍तेक्षेप की मांग की है।  एम्स में नर्सों के साथ किए जा रहे शोषण की जानकारी देते हुए एसोसिएशन ने यह आरोप लगाया है कि नर्सों को 12 घंटों की नाइट ड्यूटी करने के बावजूद उनसे दिन में अतिरिक्त काम करवाया जा रहा है। नर्सों को काम करने के बीच में न तो आराम करने का समय दिया जा रहा है और न ही नर्सों को खाने पीने की कोई सुविधा दी जा रही है। पत्र में एसोसिएशन ने नर्सों को यातायात की सुविधा मुहैया नहीं कराने का आरोप भी लगाया है।





 



नर्सों की संख्या घटने की आशंका



एम्स प्रशासन की ओर से नर्सों की लगातार अनदेखी की जा रही है। ऐसे में एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में यह आशंका जताई है कि अगर ऐसे ही नर्सों की हालत ऐसी ही खराब रहती है तो जल्द ही नर्सों का बीमार होना शुरू हो जाएगा। एसोसिएशन ने एम्स प्रशासन के इस कृत्य को अमानवीय तो बताते हुए कहा है कि नर्स बीमार हुई तो मरीजों की देखभाल के लिए नर्सों की संख्या में भारी कमी आ जाएगी। यह कोरोना संकट में बहुत बड़ी समस्या बन सकती है। एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से स्थिति में सुधार लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की है।