वाशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमेरिका ने अब चीन के 14 बड़े अधिकारियों पर पाबंदी लगाकर एक और बड़ा झटका दिया है। अमेरिका ने इन अधिकारियों पर हांगकांग की स्वायत्तता को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए पाबंदी लगाई है। इन पर लगाए गए प्रतिबंधों में वीजा पर रोक भी शामिल है।

अमेरिकी विदेश विभाग ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति (एनपीसीएससी) द्वारा हांगकांग के लोगों की अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने की क्षमता को प्रभावित किया गया। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बताया कि चीन की एनपीसीएससी के 14 उपाध्यक्षों को प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया है। बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। अमेरिका ने यह प्रतिबंध उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में लगाया था। उइगुर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर चीन पर अमेरिका कई बार गंभीर आरोप लगा चुका है।

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ'ब्रायन ने चीन पर गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि कि चीन मुस्लिम बहुल शिनजियांग में लोगों के इलाज के लिए नरसंहार जैसा कुछ कर रहा है। चीनी ने बड़े बड़े डिटेंशन कैंपों में मुस्लिम महिलाओं को बंदी बनाकर रखा हुआ है। इतना ही नहीं चीन इन बंदी महिलाओं का सिर भी मुंडवा रहा है।

वहीं अमेरिका सुरक्षा का हवाला देते हुए चीन की बड़ी कंपनियों पर भी कार्रवाई कर चुका है। अमेरिका ने चीन की 4 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। इन कंपनियों में चीन के सबसे बड़े प्रोसेसर चिप निर्माता कंपनी एसएमआईसी और तेल की दिग्गज कंपनी सीएनओओसी शामिल हैं।