नई दिल्ली। कोरोना से जूझ रहे भारत के लिए अमेरिका से राहत सामग्री ने उड़ान भर ली है। कैलिफोर्निया से C 17 ग्लोबमास्टर राहत सामग्री लिए भारत आ रहा है। इसमें तमाम ज़रूरी स्वास्थ्य उपकरणों के साथ साथ ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं। अमेरिका ने भारत को कुल 1700 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 1100 ऑक्सीजन सिलेंडर आ रहे हैं। टेस्टिंग किट्स और मास्क भी इस विमान में मौजूद हैं। विदेशों से आने वाली तमाम उपकरणों को भारत की इंडियन रेड क्रॉस सोसायटी एकत्रित कर रही है। 

हालांकि अमेरिका की मदद इतने तक ही सीमित नहीं रहने बाकी है। अमेरिका भारत को वैक्सीन निर्माण के लिए जल्द ही वैक्सीन के कच्चे माल की सप्लाई करने वाला है। अमेरिकी सरकार भारत को 36 मिलिपोल फिल्टर भी उपलब्ध कराने वाली है। जिसकी मदद से भारत करीब 5 लाख एबीसीडी कोविशील्ड टीकों का निर्माण कर सकेगा।

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रेमडेसिविर एंटीवायरल दवा के करीब 20 हज़ार से ज़्यादा ट्रीटमेंट कोर्स भी जल्द ही भारत को मुहैया कराई जाएगी। इन सभी राहत सामग्रियों के भारत अगले हफ्ते तक पहुंचने की संभावना है। अमरीका भारत की करीब दस करोड़ डॉलर की राहत सामग्रियां उपलब्ध कराने वाला है।

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अमेरिकी मदद से पहले भारत में रूस और ब्रिटेन की मदद की एक बुधवार को भारत पहुंच गई। रूस से मेडिकल सामग्रियों की पहली खेप भारत में दो विमानों के जरिए पहुंची। इसके साथ ही ब्रिटेन ने 120 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स भेजे हैं। कोरोना से जूझ रहे भारत की मदद के लिए 20 से ज़्यादा देश सामने आ गए हैं। भूटान, फ्रांस, जर्मनी, रूस, अमेरिका,नार्वे, इटली, आयरलैंड, बेल्जियम, रोमानिया, थाईलैंड, फिनलैंड, स्विट्जरलैंड, सिंगापुर और सऊदी अरब जैसे देश भारत की सहायता करने आगे आए हैं।