दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है। कांग्रेस की जीत के बाद अब बीजेपी नेताओं के सिर फुटौवल शुरू हो गया है। दमोह के नतीजों के बाद पार्टी के भीतर व्याप्त अंतर्कलह खुलकर सामने आई है। केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रह्लाद पटेल ने मामले में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल, दमोह में बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी ने नामांकन ही नहीं भरा था। बीजेपी कैंडिडेट के पति चंद्रभान सिंह ने तर्क दिया कि उनकी पत्नी जो प्रत्याशी बनने वाली थी, उसके जाति प्रमाण पत्र में कोई समस्या थी, इस कारण वो नामांकन नहीं भर पाए। हालांकि, माना जा रहा है कि उन्हें यह पता था कि चुनाव में हार तय है इसलिए उन्होंने हाथ खींच लिया।

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केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि इस विषय में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी की भूमिका को संज्ञान में लेकर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को कार्रवाई करनी चाहिए। हालांकि, भाजपा के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटेल ने जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी, पूर्व वित्त मंत्री जयंत कुमार मलैया, पूर्व विधायक लखन पटेल और वर्तमान कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव को हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। पटेल के मुताबिक बीजेपी के ये नेता चाहते ही नहीं थे कि दमोह में पार्टी चुनाव जीते। उन्होंने दावा किया कि उनके पास 6 सदस्य थे, लेकिन अधिकृत प्रत्याशी द्वारा सक्रियता नहीं दिखाई गई और कांग्रेस का जिला पंचायत अध्यक्ष बन गया।