MP विधानसभा में BBC के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित, विपक्ष ने लगाया प्रजातंत्र का गला घोंटने का आरोप

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री भारत की संप्रभुता पर गैर जिम्मेदार हमला है। इसका मकसद भारत के संविधान को कमजोर करना है। मैं मानता हूं कि भारत को बदनाम करने का बीबीसी ने जो प्रयास किया इसलिए उसके खिलाफ कार्रवाई हो

Updated: Mar 13, 2023, 05:37 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया है। सोमवार को सदन में स्ताधारी दल द्वारा मीडिया संस्थान बीबीसी के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। सीएम चौहान ने इस दौरान कहा कि बीबीसी ने भारत को बदनाम करने का प्रयास किया। वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने सत्ताधारी दल पर प्रजातंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया।

कांग्रेस विधायक शैलेंद्र जैन गुजरात दंगों को लेकर बनी डॉक्यूमेंट्री मामले में बीबीसी के विरुद्ध अशासकीय निंदा प्रस्ताव लेकर आए थे। संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इस निंदा प्रस्ताव का समर्थन किया। इस दौरान बहुमत के आधार पर निंदा प्रस्ताव पास हो गया। खास बात यह है कि निंदा प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्य सदन में मौजूद नहीं थे। कांग्रेस के सभी विधायक राजभवन मार्च में शामिल होने गए थे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉक्यूमेंट्री को लेकर कहा कि देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए और देश में हलचल पैदा करने के लिए बीबीसी ने जो किया है वो उस पर भारत की जांच संस्था पहले कार्रवाई कर चुकी है। बीबीसी ने चुनी हुई सरकार पर सवाल खड़े किए हैं और खुद ही अपने आप को जज के रूप में नियुक्त कर लिया। 

सीएम चौहान ने आगे कहा कि, 'ये काम ब्रिटेन की कार्यप्रणाली से भी मेल नहीं खाता है। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ने बेशक मौखोटा खोजी पत्रकारिता का लगा रखा है, लेकिन ये भारत की संप्रभुता पर गैर जिम्मेदार और गंभीर हमला है। जिसका उद्देशय भारत के सविधान को कमजोर करना है। जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार की विधानसभा में आज एक अशासकीय निंदा प्रस्ताव पास किया गया।'

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वहीं विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार के इस कदम की तीखी आलोचना की है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि, 'सदन में बीजेपी ने प्रजातंत्र का गला घोंटने का काम किया है। प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया बीबीसी जिसकी पूरे विश्व में सम्मान से सुनी जाती है, उसके खिलाफ पत्रकारिता को दबाने का काम किया गया है और सदन में बहुमत के दम पर अपना प्रस्ताव कराया है, इसकी मैं निंदा करता हूं।'