भोपाल। लम्बे इंतज़ार के बाद आज शिवराज सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार तो हुआ लेकिन सिर्फ शिवराज सरकार में सिर्फ दो मंत्रियों, तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को जगह दी गई है। कांग्रेस ने सिंधिया समर्थक मंत्रियों के शपथ ग्रहण के सहारे बीजेपी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोल दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि जब मंत्रिमंडल में 6 पद खाली हैं, तब मंत्रिमंडल का पुनर्गठन करना और उसमें भी सिंधिया समर्थक सिर्फ़ दो ही मंत्रियों को शामिल करना बता रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री व भाजपा भारी दबाव में है ,असहाय हैं। भाजपा के कई योग्य विधायक मंत्री बनने की कतार में थे लेकिन उनका हक मार कर दो आयातित लोगों को शामिल किए जाने से यह साफ हो गया है कि भाजपा में अब ईमानदार ,निष्ठावान , योग्य और टिकाऊ लोगों के लिए कोई स्थान नहीं बचा है।

यह भी पढ़ें :  इमरती देवी और गिर्राज दंडोतिया का इस्तीफा मंज़ूर

शिवराज के टिकाऊ विधायक आज भी ठगे गए

नरेंद्र सलूजा ने कहा कि आज महाराज (सिंधिया) का मंत्रिमंडल गठन तो हो गया, लेकिन शिवराज मंत्रिमंडल का आज भी गठन नहीं हो पाया। शिवराज के टिकाऊ विधायक आज एक बार फिर ठगे गए। सलूजा ने कहा कि मंत्रिमंडल गठन के बाद अब महाराज के निगम मंडल का भी जल्द ही गठन होगा। जल्द ही सिंधिया के हारे हुए मंत्रियों की निगम मंडलों में ताजपोशी भी कर दी जाएगी।लेकिन भाजपा के निगम मंडल का गठन अब अगले ढाई वर्षों तक लिए वेटिंग में चला जाएगा।  

यह भी पढ़ें : सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत ने ली मंत्री पद की शपथ

आज भाजपा कुछ आयातित लोगों के सामने गिरवी पड़ी है : सलूजा 
नरेंद्र सलूजा ने कहा कि आज का मंत्रिमंडल का पुनर्गठन देखकर यह स्पष्ट हो गया है कि मध्य प्रदेश में एक मजबूत नहीं, असहाय और मजबूर मुख्यमंत्री कुर्सी पर विराजमान है। भाजपा की इतनी दयनीय स्थिति पहले कभी नहीं देखी। ऐसा लग रहा है कि आज भाजपा कुछ जयचंदों व आयातित लोगों की पार्टी होकर उनके सामने गिरवी पड़ी है। 

शपथ ग्रहण में नज़र नहीं आए सिंधिया  
दरअसल आज राजभवन में सिंधिया के सबसे ज़्यादा करीबी माने जाने वाले दो नेताओं तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी सहित बीजेपी के अन्य नेता मौजूद थे। लेकिन खुद ज्योतिरादित्य सिंधिया की गैरमौजूदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए। सिंधिया अपने समर्थकों के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक क्यों नहीं हुए, इसको लेकर कोई जानकारी नहीं है।