भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की तैयारियां जोरों पर है। साल 2018 में कांग्रेस सरकार बनाने में आदिवासियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा था। ऐसे में इस बार भी कांग्रेस ने आदिवासी मतदाताओं को जोड़े रखने की प्लानिंग के साथ काम करना शुरू कर दिया है।



प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को कांग्रेस के आदिवासी विधायकों और नेताओं के साथ एक अहम बैठक की। इस दौरान उन्होंने विधायकों को यह जिम्मेदारी सौंपी की वे सभी आदिवासी संगठनों को एक मंच पर लाकर कांग्रेस से जोड़ें। बैठक में कांग्रेस के आदिवासी विधायकों से अलग-अलग क्षेत्रों में आदिवासी संगठनों के प्रभाव को लेकर विस्तार से चर्चा की।





कमलनाथ के आवास पर आयोजित इस बैठक में कद्दावर आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया, जयस के संरक्षक डॉ.हीरालाल अलावा, विधायक बाला बच्चन, अशोक मर्सकोले, सुरेन्द्र सिंह बघेल और युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया मौजूद थे। इस दौरान कमलनाथ ने विधायकों से कहा आदिवासियों को बांटने के लिए बीजेपी और आरएसएस कई प्रकार से प्रयास कर रहे हैं।



कमलनाथ ने आरोप लगाया कि देशभर में आदिवासियों को आपस में लड़ाने और उपजातियों को बांटने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि इस सच्चाई को हमें बताना जरूरी है। आदिवासियों के शिक्षित और जागरूक युवाओं को प्रलोभन दिए जा रहे हैं। इसके बारे में आदिवासियों को बताने-समझाने की जरूरत है।



बैठक में मौजूद जयस के राष्ट्रीय संरक्षक डॉ.हीरालाल अलावा ने बताया कि कमलनाथ ने आदिवासी विधायकों और आदिवासी कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ मिशन 2023 की चुनौती को लेकर चर्चा की। इसमें मुख्य रूप से आदिवासी समाज और आदिवासी सामाजिक संगठनों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। हमने आदिवासियों के मूलभूत मुद्दे कमलनाथ जी को बताए हैं। उन्होंने आदिवासी संगठनों के साथ बैठकर आगे चर्चा करने की बात कही है। जल्दी ही कमलनाथ जयस सहित सभी आदिवासी संगठनों के साथ बैठकर चर्चा करेंगे।