भोपाल| मध्य प्रदेश में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और ठग लोगों के बैंक खातों व मोबाइल को निशाना बना रहे हैं। तरह-तरह के प्रलोभन और भय का सहारा लेकर ये साइबर अपराधी लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह द्वारा विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में गृह विभाग ने खुलासा किया है कि 1 मई 2021 से 13 जुलाई 2025 तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में कुल 1054 करोड़ रुपये की ऑनलाइन ठगी हुई है।

इस दौरान पुलिस विभाग केवल 1 करोड़ 94 लाख रुपये की राशि ही पीड़ितों को वापस दिला पाया है। गृह विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार इस अवधि में लगभग 105 करोड़ रुपये की राशि होल्ड जरूर हुई, लेकिन वह भी अधिकांश मामलों में वापस नहीं मिल सकी।

विधानसभा में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले चार वर्षों में हर साल औसतन 4 लाख से अधिक साइबर अपराध से जुड़े मामले दर्ज हुए हैं। वर्ष 2023 को छोड़कर बाकी सभी वर्षों में ECIR (एनफोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट) की संख्या चार लाख से ऊपर रही है।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 2020 से लेकर 15 जुलाई 2025 तक कुल 1193 एफआईआर दर्ज हुईं, जिनमें से 585 मामलों में चालान पेश किए गए हैं जबकि 608 अब भी लंबित हैं। 579 मामलों में जांच जारी है और 166 प्रकरणों को निरस्त कर दिया गया है।

इस पर विधायक जयवर्धन सिंह ने चिंता जताते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री ऑनलाइन ट्रांजैक्शन को बढ़ावा दे रहे हैं, तब मप्र में 4 सालों में हजार करोड़ से अधिक की ठगी हो जाना और मात्र 1.94 करोड़ रुपये की वापसी होना एक गंभीर सवाल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की साइबर विंग न तो ठगी रोकने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है और न ही उसके पास पर्याप्त संसाधन हैं। जयवर्धन सिंह ने मांग की कि सरकार को इस विषय पर गंभीरता से काम करते हुए ठोस रणनीति बनानी चाहिए ताकि लोगों को डिजिटल लेन-देन में सुरक्षा का भरोसा मिल सके।