भोपाल में जमीन सीमांकन को लेकर विवाद, डीजी की गाड़ी पर हमला, किसान की पत्नी ने खाया जहर
भोपाल के खजूरी थाना क्षेत्र के बरखेड़ा सालम गांव में शनिवार दोपहर जमीन के सीमांकन को लेकर पटवारी और जमीन बेचने वाले पक्ष के खिलाफ ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया और उन पर हमला कर दिया।
भोपाल| खजूरी थाना क्षेत्र के बरखेड़ा सालम गांव में शनिवार दोपहर जमीन के सीमांकन को लेकर पटवारी और जमीन बेचने वाले पक्ष के खिलाफ ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त किया और उन पर हमला कर दिया। विवाद इस हद तक बढ़ गया कि ग्रामीणों ने स्पेशल डीजी शैलेश सिंह की कार पर भी पथराव कर दिया। इस दौरान एक किसान की पत्नी ने मानसिक तनाव के कारण जहर खा लिया, जिससे मामला और गंभीर हो गया।
यह पूरा विवाद डीजी शैलेश सिंह के दामाद की जमीन की नपती के दौरान उत्पन्न हुआ, जब पटवारी ने दूसरे पक्ष को लेटर देकर उनसे नपती में शामिल होने के लिए कहा था। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में तनाव बढ़ गया और विवाद ने हिंसक रूप ले लिया।
घटना के बाद भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को संभालने की कोशिश की। कुछ समय बाद स्पेशल डीजी शैलेश सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों के ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। उनकी मदद से कुछ समय बाद स्थिति शांत हुई और मामला नियंत्रण में आया। पुलिस ने बताया कि यह विवाद जमीन के बंदोबस्त में गड़बड़ी के कारण हुआ। दरअसल, जिस किसान की यह जमीन थी, उसके भाई ने बिना उसकी जानकारी के जमीन बेच दी थी, जिससे जमीन के रिकॉर्ड में गड़बड़ी हुई। यह मामला पहले से एसडीएम कार्यालय में चल रहा था।
ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन और डीजी के दामाद के खिलाफ नारेबाजी की और पुलिस पर वर्दी का रौब दिखाने का आरोप लगाया। इस दौरान एक पुलिसकर्मी ने डीजी की गाड़ी में लगी नेम प्लेट को कवर करने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने इसे हटाकर नारेबाजी फिर से शुरू कर दी। स्थिति और बढ़ने पर कई महिलाएं हंसिया लेकर घटनास्थल पर पहुंच गईं और धक्का-मुक्की का माहौल बना। पुलिसकर्मियों ने उन्हें अलग करने की कोशिश की, लेकिन गुस्साए ग्रामीणों ने डीजी की गाड़ी पर जमकर पत्थरबाजी की।
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इस बीच, जब पुलिसकर्मी गाड़ी को आगे बढ़ाने की कोशिश करने लगे, तो ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया और गाड़ी को रोक दिया। डीजी के दामाद गगन गुप्ता ने बताया कि विवाद पटवारी की वजह से बढ़ा। उन्होंने कहा कि 2023 में उन्होंने उक्त जमीन खरीदी थी, जिसका नामांतरण उनके नाम पर हो चुका था और सभी दस्तावेज भी उनके पास थे। पटवारी ने ही उन्हें नपती के लिए उपस्थित होने का नोटिस भेजा था। गगन गुप्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें विक्रेता के परिवार से जमीन को लेकर कोई विवाद नहीं था, और यह मामला केवल पटवारी की गलती की वजह से बढ़ा।