दमोह। दमोह शहर के निजी मिशन अस्पताल में सात मरीजों की मौत के आरोपी डॉक्टर एन जॉन केम को दमोह पुलिस सोमवार शाम प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस रात करीब 11:30 बजे आरोपी को लेकर दमोह पहुंची। आरोपी को पहले देहात थाना ले जाया गया। उसके बाद रात करीब 1:00 बजे आरोपी डॉक्टर को पूछताछ के लिए पुलिस कंट्रोल रूम ले गई। यहां खुद दमोह एसपी श्रुत कीर्ति सोमवंशी ने देर रात तक आरोपी से पूछताछ की।

हालांकि, अभी तक पुलिस ने आरोपी से मिली जानकारी से जुड़ा कोई भी खुलासा नहीं किया है। मंगलवार दोपहर तक पुलिस इस मामले में खुलासा कर सकती है। वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम दूसरे दिन मंगलवार को भी दमोह में रुकी है। सर्किट हाउस पर सुबह करीब 11:00 बजे से कुछ और मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज किये जाएंगे। मानव अधिकार आयोग की टीम के अधिकारी भी मीडिया के सामने कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।

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सर्किट हाउस पर मृतकों के परिजनों के बयान लेने के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम शाम को राय चौराहा स्थित मिशन अस्पताल पहुंची। यहां देर रात तक टीम के सदस्य दस्तावेजों की जांच करते रहे। इस दौरान सदस्यों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी और कुछ भी जानकारी देने से इनकार किया। आरोपी डॉक्टर से जुड़े दस्तावेज मांगे गए, उसकी नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज मांगे गए, साथ ही कितने मरीजो का आयुष्मान कार्ड के तहत यहां इलाज हुआ है वह दस्तावेज भी देखे गए। रात तक अस्पताल भी पुलिस छावनी में तब्दील रही।

इससे पहले आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम के खिलाफ मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) मुकेश जैन ने कोतवाली में रविवार देर रात एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें दो अन्य को भी आरोपी बनाया गया है। बता दें कि दमोह के मिशन अस्पताल में हार्ट सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत का दावा किया गया है। आरोप है कि इनका इलाज डॉक्टर नरेंद्र जॉन केम ने किया था। उन पर आरोप है कि फर्जी डिग्रियों के आधार पर प्रैक्टिस कर रहे थे।

दमोह के मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर के हार्ट सर्जरी करने से हुई सात मौतों के मामले में कांग्रेस ने अस्पताल संचालक पर भी हत्या का केस दर्ज करने की मांग की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रवि सक्सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल हैं। प्रदेश के अस्पताल मौत बांट रहे हैं। नकली डॉक्टर, नकली दवाएं, नकली अस्पताल चल रहे हैं। इससे मरीजों की जानें ली जा रही है।