भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल पुलिस ने शहर में नकली नोटों का बड़े नेटवर्क उजागर किया है। मामले की कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार भी किया है जो अपने ही घर में जाली करंसी छाप रहा था। आरोपी से कुल 2 लाख 25 हजार 500 रुपये कीमत के नकली नोट बरामद हुए हैं। साथ ही पुलिस ने नोट बनाने में इस्तेमाल होने वाला पूरा उपकरण भी जब्त किया गया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह अवैध काम कब से चल रहा था और आरोपी ने कितने नकली नोट बाजार में पहुंचाए हैं।
एडिशनल डीसीपी गौतम सोलंकी ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 4 बजे शांति नगर झुग्गी बस्ती के पास एक युवक द्वारा नकली नोट चलाने की कोशिश की सूचना मिली थी। पुलिस ने सूचना मिलते ही तुरंत घेराबंदी की और संदिग्ध युवक को पकड़ लिया। तलाशी के दौरान युवक के पास से 500 रुपये के 23 फेक नोट मिले। आरोपी की पहचान मुरली नगर निवासी विवेक यादव के रूप में हुई है।
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पूछताछ में विवेक ने खुलासा किया कि वह घर में ही कंप्यूटर और प्रिंटर की मदद से नकली नोट छाप रहा था। प्रिंटिंग प्रेस में पहले काम कर चुके विवेक ने उसी अनुभव का इस्तेमाल करते हुए नोटों की डिजाइन और प्रिंट को असली जैसा बनाने की कोशिश की। उसने बताया कि नकली इसके लिए उसने ऑनलाइन बुक्स, वीडियो और कई लेखकों का अध्ययन किया और फिर आवश्यक सामग्री ऑनलाइन मंगवाई और नकली नोट छापने का काम शुरु किया।
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस जब उसके घर पहुंची तो वहां से 500 रुपये के 428 नकली नोट मिले। इसके अलावा पुलिस ने कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर तथा नोट बनाने के अन्य उपकरण भी बरामद किए। उपकरणों की सहायता से वह बड़े पैमाने पर नकली करंसी छाप रहा था। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि विवेक ने इन नकली नोटों में से कितने बाजार में चलाए और किन लोगों के संपर्क में था। अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में कई अहम पहलू सामने आए हैं और संभव है कि इस नेटवर्क में और लोग भी शामिल हों।
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इस बीच, मध्य प्रदेश में पिछले दो महीनों में नकली नोटों के तीन बड़े मामलों का खुलासा हुआ है। 2 नवंबर को खंडवा जिले में एक इमाम जुबेर अंसारी के कमरे से करीब 20 लाख रुपये के जाली नोट बरामद हुए थे। वहीं, गुना में 15 नवंबर को जाली नोट बनाने वाले एक गिरोह का सदस्य पकड़ा गया था। जबकि, 28 अक्टूबर को मंदसौर में 38000 रुपये की फेक करंसी के साथ तीन लोग गिरफ्तार किए गए थे।
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