भोपाल। मध्य प्रदेश के 6 लाख से अधिक कर्मचारी अब भी आयुष्मान कैशलेस स्वास्थ्य योजना के लाभ लेने के लिए इंतजार कर रहे हैं। दरअसल 2019 में कमलनाथ सरकार ने इसकी घोषणा की थी। लेकिन अब तक यह जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया गया। वर्ष 2019 से लेकर अब तक तीन अलग-अलग मुख्यमंत्री की टेबल तक इसकी फाइलें पहुंची है। 

इस मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में, 9 सदस्यीय समिति का गठन 9 फरवरी 2024 को किया गया था। जिसमें कर्मचारियों को आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। वहीं इसमें शासकीय कर्मचारी, कार्यकर्ता, संविदा कर्मचारियों को आयुष्मान भारत निरामयम प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत, शामिल कराए जाने को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी को फैसला करना था। 

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बता दे यह कमेटी 4 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में हुई कैबिनेट बैठक के फैसले के परिपालन के मद्देनजर गठित की गई थी। इसमें शासकीय कर्मचारियों को हर साल 5 लाख रुपए तक स्वास्थ्य लाभ देने के संबंध में निर्णय लेना था। लेकिन यह अब भी रुका है। वही कमेटी में मुख्य सचिव के अलावा अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा, उस समय एसीएस विभाग प्रमुख थे, अब प्रमुख सचिव हैं। अपर मुख्य सचिव पंचायत और ग्रामीण विकास, उस दौरान एसीएस विभाग प्रमुख अब प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव वित्त विभाग उस समय तक प्रमुख सचिव इस वक्त अपर मुख्य सचिव हैं।