मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले की सुवासरा विधानसभा सीट पर हरदीप सिंह डंग ने 2013 और 20018 में कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार सुवासरा में चुनावी समीकरण बदले हुए हैं। वजह ये है कि डंग इस बार कांग्रेस का बरसों पुराना साथ छोड़कर बीजेपी का पल्लू पकड़ लिया। बीजेपी में शामिल होकर उसकी सरकार बनवाने के एवज में उन्होंने शिवराज कैबिनेट में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री का पद हासिल कर लिया। लेकिन इस बार के उप-चुनाव में यह अंदाज़ा लगाना शायद खुद उनके लिए भी आसान नहीं होगा कि क्षेत्र की जनता उनके इस बदले हुए रूप और दल-बदल के अंदाज़ को किस हद तक स्वीकार करेगी।

कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए 52 साल के हरदीप सिंह डंग का 2000 में ग्राम पंचायत सुवासरा के सरपंच चुने गए थे। उन्हें 2005 में जिला पंचायत मंदसौर की जिला वन समिति का सभापति बनाया गया था। वे दो बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। लेकिन साल 2008 के चुनाव में उन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा था। पहली बार सन 2013 में चौदहवीं विधानसभा में मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा सभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। दूसरी बार सन 2018 में एक बार फिर सुवासरा की जनता ने उन पर भरोसा जताया और विधायक बना कर विधानसभा भेजा। दल बदल के इनाम के तौर पर 2 जुलाई 2020 को उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कैबिनेट में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री का पद दिया गया था।

 2013 में उज्जैन संभाग से चुनाव जीतने वाले इकलौते कांग्रेस प्रत्याशी

साल 2013 में मोदी लहर के बावजूद हरदीप सिंह कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। वे उज्जैन संभाग से एकमात्र कांग्रेसी विधायक थे। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी जब संसदीय क्षेत्र की सातों सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने बाजी मारी थी, उस दौर में भी हरदीप सिंह डंग ने बीजेपी प्रत्याशी राधे श्याम पाटीदार को 350 वोटों से हराया था। हरदीप को जमीनी स्तर का नेता माना जाता है। भाजपा का दामन थामने से पहले डंग किसानों की मांगों को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं। लेकिन इस बार जब कृषि बिल के खिलाफ देश भर के किसानों में गुस्सा था, वो सरकार के साथ खड़े नज़र आए।

कई चुनौतियों का करना पड़ेगा सामना

अपना मंत्री पद बनाए रखने के लिए हरदीप सिंह डंग बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने कई चुनौतियां हैं। जिस पार्टी को पानी पी पीकर कोसते थे, अब उसी पार्टी के टिकट पर जनता से वोट मांगना चुनौती भरा काम है। जनता उनसे सवाल करेगी कि पार्टी क्यों बदली तो वे इसका क्या जवाब देंगे यह भी देखने वाली बात होगी। हरदीप सिंह डंग ने सिंधिया के समर्थन में सबसे पहले अपनी विधायकी छोड़ी थी, इन्ही का इस्तीफा सबसे पहले तत्कालीन विधान सभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के समक्ष पहुंचा था।

कांग्रेस के राकेश पाटीदार से मुकाबला

सुवासरा में कांग्रेस ने राकेश पाटीदार पर भरोसा जताया है। जिसके बाद यहां रोचक मुकाबला होने जा रहा है। कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवार को टिकट देकर किसान और अन्य वर्ग की सहानुभूति लेने की कोशिश की है। हरदीप सिंह डंग अब तक अपने सभी चुनाव कांग्रेस से ही लड़ते आए हैं। देखना है इस बार इलाके की जनता उनके झंडे की बदली हुई रंगत को कबूल करती है या नहीं।