18 साल के शासन में भाजपा ने पत्रकारों का सिर्फ दमन किया है, सीएम के ऐलान पर कांग्रेस हमलावर

मैं मध्य प्रदेश के पत्रकार साथियों को भरोसा देता हूँ कि घोषणावीर तो आपको 18 साल से क्या दे रहे हैं, आप मुझसे से बेहतर जानते हैं। कांग्रेस पार्टी अपने घोषणापत्र में पत्रकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सम्मान के लिए महत्वपूर्ण योजनाएँ लेकर आएगी: कमलनाथ

Updated: Sep 07, 2023, 06:18 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में एंटी इनकंबेसी से जूझ रही शिवराज सरकार अब पत्रकारों को साधने की कोशिश में जुट गई है। सीएम शिवराज ने बुधवार को पत्रकारों के सम्मेलन में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने सहित पत्रकारों के हित में 14 घोषणाएं की। इसपर कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि घोषणावीर आपको 18 साल से क्या दे रहे हैं, आप मुझसे से बेहतर जानते हैं।

कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'पत्रकार का सबसे बड़ा सम्मान होता है क़लम की स्वतंत्रता और सबसे बड़ा पुरस्कार होता है अभिव्यक्ति की आज़ादी। एक मुखर पत्रकारिता, मज़बूत लोकतंत्र की गारंटी है। मैं मध्य प्रदेश के पत्रकार साथियों को भरोसा देता हूँ कि घोषणावीर तो आपको 18 साल से क्या दे रहे हैं, आप मुझसे से बेहतर जानते हैं। कांग्रेस पार्टी अपने घोषणापत्र में पत्रकारों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सम्मान के लिए महत्वपूर्ण योजनाएँ लेकर आएगी।'

सीएम शिवराज के ऐलान पर कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि 18 साल के शासन में भाजपा और सीएम शिवराज चौहान जी ने सिर्फ़ पत्रकारों का दमन किया। जाट ने आरोप लगाते हुए कहा कि, 'अवैध रेत खनन की ख़बर करने पर FIR, व्यापम की ख़बर का पीछा करने वाले आज तक के पत्रकार की संदिग्ध मौत, सीधी भाजपा विधायक के भ्रष्टाचार की ख़बर करने पर थाने में नंगा कर पीटा, कोविड के दौरान ख़बर करने पर राजगढ़ और खंडवा जैसे जिलों में पत्रकारों पर FIR कर जेल भेजा। पत्रकारों के नाम पर करोड़ों का घोटाला किया जिसकी जांच आज तक शुरु नहीं हुई।  COVID19 में सीएम शिवराज चौहान ने 3 मई 2021 को पत्रकारों को कोरोना फ़्रंटलाइन वर्कर घोषित किया। लगभग 150 पत्रकारों की मौत दो सालों में हुई । आज तक एक भी परिवार को भी फ्रंट लाईन वर्कर मानते हुए ₹50 लाख़ नहीं दिया गया। जबकि फ्रंटलाइन वर्कर की मौत पर 50 लाख रुपये के मुआवज़े का प्रावधान था।'

आनंद जाट ने आगे कहा, 'शिव’राज का मध्य प्रदेश 2021 में पत्रकारों लिये देश का तीसरा सबसे असुरक्षित राज्य है। दमन करते वक्त पत्रकारों की सुरक्षा का ख्याल नहीं आया। आज जब हार सामने दिख रही है तो मुख्यमंत्री पत्रकारों के सुरक्षा कानून की बात कर रहे हैं। वो क्यों नहीं पत्रकारों के उपर की गई झूठी FIR वापिस लेने की घोषणा करते हैं। क्यों नहीं कोरोना काल में मृत पत्रकारों के परिवार को ₹50 लाख़ देने की घोषणा करते है? हजारों झूठी घोषणा करने वाले सीएम फिर से झूठी घोषणाएं कर रहें हैं। कांग्रेस पहले ही पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने का ऐलान कर चुकी है।'