जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में शनिवार को कांग्रेस की ओर से जय हिंद सभा का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर में शामिल रहे सैनिकों को सम्मानित किया गया। कांग्रेस नेताओं ने इसे केवल राजनीतिक आयोजन न मानते हुए देशभक्ति और जन-जागरण का मंच बताया। खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मंच के नीचे आमलोगों के साथ बैठे।
दरअसल, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बीते दिनों ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि वे मंच पर बैठने की बजाए पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच बैठना पसंद करेंगे। सिंह अपने इस वक्तव्य का पालन करते हुए जबलपुर में मंच के नीचे आमलोगों के बीच बैठे नजर आए। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस दौरान शहादत पर सियासत करने को लेकर भाजपा पर जमकर हमला बोला।
सिंह ने कहा कि जिसका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं, जिसने ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी की, आज वही लोग कह रहे है भारतीय सेना नरेंद्र मोदी के चरणों में समर्पित है। उन्होंने लोगों से कहा कि हम एक रहेंगे तभी सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी नफरत फैलाने की राजनीति करती है। साथ ही कहा कि शहादत के कफन पर राजनीति करने वाले देशप्रेमी नहीं हो सकते।
इस दौरान छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सेना किसी एक पार्टी की नहीं, बल्कि पूरे देश की होती है। उनके पराक्रम पर कोई सवाल नहीं है, सवाल सरकार की मंशा और फैसलों की पारदर्शिता पर है। उन्होंने सवाल उठाया कि पहलगाम में मारे गए चार आतंकियों की अब तक पहचान सरकार क्यों नहीं कर पाई? उन्होंने कहा कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि 56 इंच का सीना दिखाने वाले अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दबाव में काम कर रहे।
भूपेश बघेल ने केंद्र से सवाल किया कि सीजफायर की शर्तें स्पष्ट रूप से सार्वजनिक क्यों नहीं की गईं? उन्होंने पूछा, क्या अमेरिकी राष्ट्रपति के कहने पर भारत ने सीजफायर घोषित किया? उन्होंने शिमला समझौते का हवाला देते हुए कहा कि उसमें स्पष्ट लिखा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच के मुद्दों में कोई तीसरा पक्ष दखल नहीं देगा। बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान से लड़कर बांग्लादेश बनवाया था।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कार्यक्रम में कहा कि इतनी बड़ी संख्या में आप लोग आए हैं, ये साबित करता है कि आपको सेना पर गर्व है। जबलपुर का गौरव है कि यहां गोली और बारूद बनती है। उन्होंने कहा कि मैंने 1971 का बांग्लादेश युद्ध देखा है। इंदिरा गांधी ने उस समय अमेरिका के दबाव को भी नजरअंदाज कर मजबूत फैसले लिए थे।