भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस के सबसे सक्रिय व तेजतर्रार प्रवक्ता केके मिश्रा को पीसीसी में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने मिश्रा पर भरोसा जताते हुए प्रदेश कांग्रेस का महासचिव (मीडिया) नियुक्त किया है। खास बात यह है कि मिश्रा के लिए कमलनाथ ने विशेष रूप से इस नए पद का सृजन किया है। 



पार्टी में अपना कद बढ़ाए जाने को लेकर मिश्रा ने कमलनाथ का आभार जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'राष्ट्रीय नेता, अभूतपूर्व मुख्यमंत्री, PCCअध्यक्ष मा.कमलनाथ जी ने पदोन्नत कर मुझे प्रदेश महासचिव (मीडिया) के रूप में नवाज़ा है। अपने दायित्वों के साथ नेतृत्व के प्रति विश्वास,कसौटी पर खरा उतरने के साथ मौजुदा चुनौतियों से जूझना महत्वपूर्ण है,मैं उस पर खरा साबित होऊंगा।सर, सादर आभार।' 





 



काफी लंबे समय बाद मिश्रा को दिए गए इस अहम जिम्मेदारी को मध्य प्रदेश उपचुनाव के दौरान उनकी मेहनत और राजनीतिक सूझबूझ के प्रतिफल के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि मिश्रा को यह अहम दायित्व सौंपने के पीछे की वजह एक यह भी है कि वे कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया की जमकर खिंचाई करते रहे हैं।



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दरअसल, मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं सबसे ज्यादा मुखर बयानबाजी करने वाले नेताओं में केके मिश्रा का नाम शामिल है। इसीलिए कमलनाथ ने उन्हें उपचुनाव में ग्वालियर चंबल की 17 सीटों पर मीडिया प्रभारी के रूप में जिम्मेदारी दी थी। मिश्रा इसके बाद लगातार पांच महीने ग्वालियर चंबल में ही रहे थे और मीडिया के माध्यम से कांग्रेस के पक्ष में कई मुद्दों को उठाया था। 



पार्टी छोड़ने के बाद सिंधिया पर सबसे ज्यादा तीखा प्रहार करने वालों में भी मिश्रा का नाम शामिल है। उपचुनाव के दौरान मिश्रा ने जहां लगातार सिंधिया और उनके समर्थकों द्वारा किए गए घोटालों का खुलासा किया वहीं बिकाऊ, श्रीअंत और शवराज जैसे तीखे संबोधन भी उन्होंने ही प्रचलित किए। उपचुनाव में कांग्रेस ने सबसे बेहतर प्रदर्शन ग्वालियर चंबल क्षेत्र में ही किया था। माना जा रहा है कमलनाथ ने केके मिश्रा को इन्हीं बातों के मद्देनज़र बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।