प्रसूता को लाने गई एंबुलेंस कीचड़ में फंसी, CM चौहान के क्षेत्र की बदहाल सड़कों ने खोली विकास की पोल

सीएम शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को लाने गई एंबुलेंस कीचड़ में फंस गई और उसे खींचने के लिए ट्रैक्टर लाना पड़ा। बावजूद एंबुलेंस प्रसूता के घर तक नहीं पहुंच सकी।

Updated: Aug 08, 2023, 09:24 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार धूमधाम से विकास पर्व मना रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान प्रदेशभर में घूमकर विकास का ढिंढोरा पीट रहे हैं। इसके इतर उनके स्वयं के विधानसभा क्षेत्र बुधनी का एक गांव मूलभूत सुविधाओं के अभाव में है। यहां से सामने आई एक तस्वीर विकास के खोखले वादों की पोल खोलने के लिए काफी है। दरअसल, प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला को लाने गई एंबुलेंस कीचड़ में फंस गई और उसे खींचने के लिए ट्रैक्टर लाना पड़ा। बावजूद एंबुलेंस प्रसूता के घर तक नहीं पहुंच सकी।

मामला बुधनी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत छापरी के गाडलिया गांव का है। यहां रतिराम बरेला की पत्नी नीमा बरेला गर्भवती थी। रविवार देर शाम से 27 वर्षीय नीमा बरेला प्रसव पीड़ा से तड़प रहीं थीं, लेकिन सड़क खराब होने के कारण परिजन रात में अस्पताल ले जाने का हिम्मत नहीं जुटा पाए। सुबह तक प्रसूता की हालत बिगड़ने लगी और परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस बुलाया।

रतिराम बरेला ने बताया कि सुबह सात बजे एंबुलेंस तो आई लेकिन सड़क नहीं होने के कारण गांव से दो किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक ही आई। इसके बाद एंबुलेंस को खींचकर गांव तक लाने के लिए ट्रैक्टर बुलाना पड़ा क्योंकि मुख्य सड़क से उतरते ही एंबुलेंस कीचड़ में फंस कई। काफी जद्दोजहद के बावजूद गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी। रतिराम कहते हैं कि इधर एंबुलेंस कीचड़नुमा सड़क नहीं पार कर पा रही थी उधर, नीमा की स्थिति बिगड़ती जा रही थी। गनीमत रही कि घर पर ही उनकी पत्नी ने एक बच्चे को जन्म दिया।

रतिराम कहते हैं कि बारिश के मौसम में डिलीवरी गांववालों के लिए आपदा से कम नहीं है। सीएम शिवराज और उनके बेटे कार्तिकेय चुनाव के समय ग्रामीणों से सड़क बनाने का वादा तो करते हैं, लेकिन चुनाव बाद उसे भूल जाते हैं। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस भी शिवराज सरकार पर हमलावर है। सीएम के विधानसभा क्षेत्र से आने वाले कांग्रेस प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि, 'शिवराज जी 33 साल से जनप्रतिनिधि हैं। पहले विधायक बने, फिर सांसद बने और फिर मुख्यमंत्री बने। यह शर्म की बात है कि जो व्यक्ति 18 साल से मुख्यमंत्री हो उसके गृह क्षेत्र का यह हाल है। विज्ञापनों में तो वे चमचमाती हुई वॉशिंगटन से भी सुंदर सड़कें दिखाते हैं लेकिन जमीनी सच्चाई वही है जो आपको वीडियो में दिख रही है।

बता दें कि करीब 6 साल पहले US दौरे पर गए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा था कि मध्य प्रदेश की सड़कें वॉशिंगटन की सड़कों से भी बेहतर हैं। तब से वे दोबारा और कुल चौथी बार मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन मध्य प्रदेश की सड़कें बदतर होती रहीं। खुद सीएम चौहान के विधानसभा क्षेत्र की हालत ये है तो अन्य जिलों की स्थिति कितनी भयवाह होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रदेश में विकास और खुशहाली के आंकड़े भले ही चमकीले हों, लेकिन वास्तविक स्थिति पीड़ा देने वाली है। गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछाने का दावा करने वाली शिवराज सरकार में इस तरह की घटनाएं आम हैं। कहीं सड़क की वजह से जननी एक्सप्रेस नहीं पहुंच पाती, तो कहीं जननी एक्सप्रेस ही नहीं है।