भोपाल। ओबीसी आरक्षण के मसले पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार को बड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर अपनी रोक बरकरार रखी है। कोर्ट ने शिवराज सरकार को स्पष्ट तौर पर कहा है कि जब तक इस मामले में हाई कोर्ट अपना फैसला नहीं सुना देता तब तक सरकार 14 फीसदी वाले ओबीसी आरक्षण के फॉर्मूले को लागू रखे।  

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की अगुवाई वाली दो सदस्यीय डिवीजन बेंच इस पूरे मामले की सुनवाई कर रही है। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले का फैसला आने तक राज्य सरकार पुरानी व्यवस्था को ही लागू रखे। कोर्ट अब इस मामले में तीस सितंबर को सुनवाई करेगी।  

ओबीसी आरक्षण के मामले में कांग्रेस पार्टी लगातार शिवराज सरकार को घेर रही है। कांग्रेस जल्द से जल्द प्रदेश में पिछले वर्ग से आने वाले युवाओं को आरक्षण देने की मांग कर रही है। कमल नाथ सरकार के दौरान ही प्रदेश के 55 फीसदी पिछड़े वर्ग से आने वाले लोगों के लिए आरक्षण बढ़ाया गया था। कमल नाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ा कर 27 फीसदी कर दिया था। जिसे मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। 

कांग्रेस लगातार शिवराज सरकार से कोर्ट में सही ढंग से अपना पक्ष रखने और पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए शिवराज सरकार पर दबाव बना रही है। महज़ तीन घंटे में खत्म हो जाने वाले विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान भी कांग्रेस पार्टी ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार से चर्चा करना चाहती थी। लेकिन विधानसभा का चार दिवसीय सत्र चार दिन की अवधि तक पूरा नहीं कर पाया।