भोपाल। मध्य प्रदेश का मौसम बदला है। आसमान में छाए बादल गर्मी से राहत दे रहे हैं। लेकिन प्रदेश में बारिश 7 प्रतिशत कम हुई है। जिसका असर प्रदेश के प्रमुख बांधों पर पड़ा है। भोपाल और इसके आसपास के जलाशय जैसे बड़ा तालाब, केरवा, कोलार, कलियासोत, हलाली, हथाईखेड़ा डैम अभी अपने फूल टैंक लेवल से 3 से 10 फ़ीट तक खाली हैं। भोपाल में अभी हल्की बूंदाबांदी हो रही है। भोपाल के सभी डैम भरने के लिए अभी भोपाल में तेज बारिश का होना जरूरी है जो फ़िलहाल थमी हुई है।


अगले 24 घंटों तक एमपी के ग्वालियर, चंबर और सागर में भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने जताया है। 11 जिलों में भारी बारिश तो 13 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका मौसम विभाग ने जताई है। मौसम विभाग के अनुसार नया सिस्टम एक्टिव न होने के कारण 28 अगस्त से एक बार फिर बारिश पर ब्रेक लग सकता है।


सीनियर मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि पिछले 24 घण्टे में मध्य प्रदेश में एक साइक्लोनिक सर्कल बना था जो कमजोर होकर उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ गया। जिससे प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश का दौर थम गया है। मध्य प्रदेश में अबतक 7% बारिश कम हुई है। पूर्वी मध्य प्रदेश में 4% तो पश्चिमी हिस्से में 10 प्रतिशत तक बारिश दर्ज की गई है। 


मौसम विभाग के मुताबिक, मध्य प्रदेश के सागर, ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं भोपाल, रायसेन, नर्मदापुरम, दतिया, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, भिंड, कटनी, नरसिंहपुर, बालाघाट, दमोह, सिवनी, मंडला, टीकमगढ़, छिंदवाड़ा और निवाड़ी जिलों में हल्की बारिश के आसार है। सतना, रीवा, सिंगरौली, अनूपपुर, शहडोल, डिंडोरी, पन्ना, सीधी, उमरिया और छतरपुर में तेज बारिश हो सकती है।