रायसेन। मध्यप्रदेश के रायसेन जिले में विरोध प्रदर्शन का एक अजब स्वरूप देखने को मिला है। जिले में बैंक अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए नगरपालिका ने सभी बैंकों के बाहर कचरों का ढेर लगा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नगरपालिका के द्वारा यह कार्रवाई सीएमओ के आदेश के बाद हुई। बताया जा रहा है एक घंटे के बाद काफी नाटकीय तरीके से कचरों को हटा लिया गया। इस नायाब प्रदर्शन का नतीजा यह रहा कि बैंक अब तत्काल सभी मामलों के निपटारा करने में जुट गए हैं।

विरोध प्रदर्शन की यह घटना रायसेन के बेगमगंज नगरपालिका की है। बताया जा रहा है कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी धीरज कुमार शर्मा ने फुटपाथ पर दुकान चलाने वालों को लोन दिलाने के लिए संबंधित बैंकों में आवेदन भेजे थे। लेकिन बैंक के प्रबंधकों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया नतीजतन सीएमओ को मीटिंग में रायसेन कलेक्टर की डांट खानी पड़ रही थी। इस वजह से गुस्साए सीएमओ ने बैंकों को सबक सिखाने के लिए दफ्तरों के सामने कचरा डलवा दिया।

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हालांकि, मामले पर बवाल बढ़ता देख सीएमओ शर्मा ने अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने कहा, 'सोमवार को जब यह घटना हुई तब वे मीटिंग में थे। मैने बैंकों के बाहर कचरा फेंकने का कोई आदेश नहीं दिया था। बैंक के प्रबंधको ने खुद ही कचरे को डंप किया होगा। मुझे जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, तत्काल कचरा हटा दिया गया।' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इससे पहले सोमवार को उन्होंने खुद बैंकों की लापरवाही का हवाला देते हुए इस कार्रवाई की पुष्टि की थी। 

दरअसल, प्रधानमंत्री स्वयं निधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपए लोन देने का प्रावधान है। इसी योजना के तहत नगर पालिका परिषद ने भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक एवं मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखाओं को आवेदन भेजा था। लक्ष्य के अनुसार भेजे गए ऋणों में 75 प्रतिशत ऋण मंजूर कर बैंकों ने पथ विक्रेताओं को लोन बांट दिए। लेकिन दिसंबर 2020 में जब नगर पालिका ने बैंकों को नया टारगेट भेजा, तो बैंक टालमटोल करने लगे।

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बैंकों पर आरोप है कि जब नगर पालिका के कर्मचारी फॉर्म लेकर जाते हैं, तो वहां पर उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया जाता है। इसी वजह से नाराज सफाई कर्मचारियों ने कचरा ले जाकर बैंकों के सामने पटक दिया था। मामले पर एसबीआई के शाखा प्रबंधक प्रताप सिंह का कहना है कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए ऋण के 350 मामलों में से 333 को पहले ही मंजूरी दे दी गई थी। अब, 350 और मामलों का लक्ष्य दिया गया है जिनमें से केवल 40 आवेदक दस्तावेज के साथ बैंक आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने आरोप लगाया कि ऋण प्रस्तावों की मंजूरी के बावजूद, बेगमगंज नगरपालिका के स्वच्छता कर्मचारियों ने सीएमओ के निर्देशों पर बैंकों पर दबाव बनाने के लिए कचरा फेंक दिया। 

वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक चंद्र प्रकाश वर्मा का कहना है कि पहले ऋण वितरण लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है, और 500 मामलों का एक नया लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह आवेदकों के प्रलेखन के बाद पूरा हो जाएगा। वर्मा ने यह भी दावा किया है कि कचरा न सिर्फ बैंक के गेट के बाहर डंप किया गया था, बल्कि शाखा के अंदर भी फेंका गया था। बहरहाल मामले की जानकारी जिला कलेक्टर को दे दी गई है, जो जांच के बाद कोई कार्रवाई कर सकेंगे।