भोपाल। मध्यप्रदेश में कड़ाके की ठंड ने इस साल रिकॉर्ड तोड़ दिया है। गुरुवार-शुक्रवार की रात पचमढ़ी का तापमान पहली बार 5.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। जबकि, नर्मदापुरम में घना कोहरा छाया रहा और विजिबिलिटी 500 से 1000 मीटर तक ही सीमित रही थी। इस दौरान राजधानी भोपाल और इंदौर जैसे कई बड़े शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे बना हुआ था। रीवा में ठंड ने एक व्यक्ति की जान भी ले ली। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश के कई हिस्सों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है।
प्रदेश में बीते 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में तेज गिरावट दर्ज की गई है। भोपाल में रात का तापमान 9.6 डिग्री, इंदौर में 8.4 डिग्री, ग्वालियर में 12.8 डिग्री, उज्जैन में 11.5 डिग्री और जबलपुर में 11.1 डिग्री दर्ज किया गया था। वहीं, नौगांव 8.5 डिग्री, खरगोन 8.8 डिग्री, नरसिंहपुर 9 डिग्री और खंडवा का तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। इन दिनों प्रदेश के अधिकांश जिलों में पारा लगातार नीचे खिसक रहा है।
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इस बार ठंड का दौर 6 नवंबर से ही शुरू हो गया था जो सामान्य से लगभग एक सप्ताह पहले है। मालवा-निमाड़ क्षेत्र पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा ठंडा रहा। राजधानी भोपाल में लगातार 10 दिन से शीतलहर जारी है और अगले दो दिन भी हालात इसी तरह बने रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने भोपाल, इंदौर, राजगढ़, शाजापुर और सीहोर में शीतलहर की चेतावनी जारी की है।
नवंबर के पहले सप्ताह में ही पड़ी कड़ाके की ठंड ने कई पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भोपाल में नवंबर की रात का तापमान पिछले 84 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए रात 5.2 डिग्री दर्ज किया गया था। इससे पहले यह न्यूनतम तापमान 30 नवंबर 1941 को 6.1 डिग्री तक पहुंचा था। इंदौर में भी 25 सालों में सबसे तेज ठंड महसूस की जा रही है। यहां नवंबर का ऐतिहासिक न्यूनतम रिकॉर्ड 5.6 डिग्री (1938) रहा है।
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ग्वालियर में पिछले दशक में तापमान 8 डिग्री तक दर्ज किया गया था। जबकि, ओवरऑल रिकॉर्ड 1970 में 3 डिग्री का है। इसी तरह जबलपुर में 2022 में न्यूनतम 7.8 डिग्री दर्ज हुआ था लेकिन इसका ओवरऑल रिकॉर्ड 3.9 डिग्री (1989) है। उज्जैन में नवंबर का न्यूनतम तापमान अब तक 2.8 डिग्री (1974) दर्ज है। जबकि, पिछले दशक में यह 10–11 डिग्री के बीच बना रहा है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार नवंबर में ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी जारी है। प्रदेश में पिछले 10 साल में कई बार नवंबर में बारिश दर्ज की गई है। इस साल अक्टूबर महीने में भी 2.8 इंच बारिश हुई थी जो सामान्य से 121% ज्यादा है। आगामी दिनों में मौसम में एक और बदलाव की संभावना जताई जा रही है। 22 नवंबर को दक्षिण-पूर्वी खाड़ी में एक लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो सकता है। लेकिन उससे पहले पूरे प्रदेश में अगले दो दिन तक शीतलहर का असर जारी रहेगा। इसके बाद ठंड में हल्की राहत मिल सकती है।
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