मऊगंज। मध्य प्रदेश में जल गंगा सर्वधन अभियान के तहत नदी की साफ-सफाई और संरक्षण के लिए सरकार ने जन भागीदारी के लिए लोगों से अपील की थी। इस अभियान में सरकार ने प्रदेश के 70 हजार से अधिक कुएं, तालाब और बावड़ियों को ठीक करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन, मऊगंज में जल गंगा संवर्धन अभियान में अनियमितता देखने को मिली है। यहां खैरा ग्राम पंचायत में 40 मिनट के सरकारी कार्यक्रम में 10 लाख रुपए खर्च किए गए।
इससे पहले शहडोल में भी जल गंगा संवर्धन अभियान में हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया था। बता दें 17 अप्रैल को मऊगंज जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में पंचायत मंत्री प्रह्लाद सिंह समेत पूर्व विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम शामिल हुए थे। उनके अलावा जनपद अध्यक्ष नीलम सिंह समेत 150 लोग मौजूद थे। कार्यक्रम में लोगों की कई शिकायतें मिली है। यहां मौजूद स्थानीय नागरिकों का कहना है कि बिल मे चाय, नाश्ता और पीने के पानी का बिल दिखाया गया जबकि सच्चाई यह है कि यहां किसी को एक बोतल पानी तक नहीं मिला।
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जनपद अध्यक्ष और सदस्य ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के लिए ढाई लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। लेकिन, बिना प्रशासन की अनुमति के कार्यक्रम का बिल 10 लाख रुपए वसूला गया। इसकी शिकायत जिला कलेक्टर अजय कुमार जैन से की गई है। कलेक्टर ने इसमें दो दिन पहले जांच के आदेश दिए है। वहीं कार्यक्रम में उपस्थित जनपद अध्यक्ष नीलम सिंह की तरफ से कई आरोप लगाए गए। उन्होंने बताया कि इसी प्रोग्राम के लिए 9 लाख 85 हजार रुपए निकाले गए। आगे वे बोलीं कि जिस दुकान से सामान मंगवाया गया उसका कोई सबूत ही नहीं है। हैरानी कि बात है कि जिस मिठाई के बिल इलेक्ट्रिक दुकान के नाम से लगाए गए। 30-35 रुपए की दर से गद्दे मंवाए गए। दुकान का नाम “प्रदीप इंटरप्राइजेज” बताया गया लेकिन, वास्तव में इस नाम की कई दुकान ही नहीं है।