जबलपुर। मध्य प्रदेश की जबलपुर हाईकोर्ट से EWS अभ्यर्थियों को बड़ा झटका मिला है। उच्च न्यायालय ने ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर) वर्ग के उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि संविधान में ईडब्ल्यूएस के लिए आयु सीमा में छूट का प्रावधान नहीं हैं।
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। हाईकोर्ट ने इससे संबंधित सभी 17 याचिकाओं को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि SC, ST और OBC उम्मीदवारों की तरह EWS वर्ग के लिए कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
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साथ ही कोर्ट ने सेंट्रल OBC की तरह स्टेट OBC उम्मीदवारों को परीक्षा में 9 अटेम्प्ट देने की मांग भी खारिज कर दी है। न्यायालय ने कहा कि ओबीसी, एससी, एसटी को मिलने वाला आरक्षण राज्य और केंद्र में अलग-अलग होता है, इसलिए राज्य में मिलने वाली सुविधा केंद्र में लागू करने का दावा नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, ईडब्ल्यूएस वर्ग को आयु में छूट देने या ज्यादा अटेम्प्ट देने का कोई संवैधानिक या कानूनी प्रावधान नहीं है। इसलिए ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को UPSC परीक्षा में SC, ST, OBC जैसी छूट नहीं दी जा सकती।
इससे पहले, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के उम्मीदवारों को 18 फरवरी को बड़ी अंतरिम राहत दी थी। इसमें सिविल सेवा परीक्षा-2025 (UPSC) में EWS वर्ग के उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्गों की तरह आयु सीमा में 5 साल की छूट और 9 बार परीक्षा देने का मौका देने की बात कही गई थी। हालांकि यह कोर्ट का अंतिम फैसला नहीं था और अब हाईकोर्ट ने इस संबंध में सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया।
मध्य प्रदेश के मैहर के आदित्य नारायण पांडेय सहित अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर EWS कैंडिडेट्स के लिए राहत की मांग की थी। बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) 2025 में कुल 979 पदों के लिए 25 मई को प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करेगा। कोर्ट के इस फैसले के बाद EWS वर्ग के उम्मीदवारों को आयु सीमा में कोई विशेष छूट नहीं मिलेगी।