नई दिल्ली। देश भर में कोरोना से बेकाबू होते हालात से देश के नागरिकों को फिलहाल निजात मिलने के आसार कम नज़र आ रहे हैं। देश भर के वैज्ञानिकों ने ऐसी आशंका व्यक्त की है। लिहाज़ा उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को आगाह करते हुए पत्र लिखा है। जिसमें वैज्ञानिकों ने कहा है कि अगर समय रहते ज़रूरी कदम नहीं उठाए गए तो हालात और बदतर हो सकते हैं। 

देश भर के कुल 300 वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री मोदी को पर लिखा है। इस पत्र का मसौदा अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शशिधरा और कोलकाता स्थित NIBMG के प्रोफेसर प्रथो मजूमदार ने तैयार किया है। इस पत्र में वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री मोदी से वायरस के बारे में हर तरह के डेटा को अध्य्यन करने की छूट देने की अपील की है।

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वैज्ञानिकों ने प्रधानमंत्री से कहा है कि वायरस के प्रभाव का सटीक अंदाज़ा लगाना के लिए यह जरूरी है कि हर तरह के डेटा इस्तेमाल किया जाए। वैज्ञानिकों ने कहा है कि इससे वायरस से लड़ने में मदद मिलेगी। वैज्ञानिकों ने यह भी कहा है कि अगर समय रहते हुए सही कदम नहीं उठाए गए तो हालात और बेकाबू हो सकते हैं। 

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वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस समय वैज्ञानिकों को सिर्फ फंड की ही नहीं बल्कि डेटा के अध्य्यन की छूट देना भी बेहद ज़रूरी है। दरअसल तमाम रिपोर्ट्स में इस बात का दावा किया जा रहा है कि कोरोना के जितने भी मामले रोज़ाना सामने आ रहे हैं, उससे कहीं अधिक संख्या में वायरस से संक्रमित लोग मौजूद हैं। जिससे कि वायरस का तेज़ी के साथ फैलाव बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों ने पीएम से कहा है कि इस संकट को रोकने और इसकी सटीक भविष्यवाणी करने के लिए वैज्ञानिकों को फंड के साथ साथ सपोर्ट की भी ज़रूरत है।