नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद अब देशभर में आरएसएस को प्रतिबंधित करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। उधर एसडीपीआई ने कहा है कि देश में बीजेपी ने अघोषित आपातकाल लागू कर दिया है।

केरल में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई समाधान नहीं है। हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। आरएसएस पूरे देश में सांप्रदायिकता फैला रहा है। पीएफआई और आरएसएस एक समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। बता दें कि इससे पहले भी कई विपक्षी नेता आरएसएस पर प्रतिबंध लगाना की मांग कर चुके हैं।

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सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएफआई पर बैन लगाना भारतीय संविधान और लोकतंत्र पर हमला है। बयान में कहा गया है कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है।

SDPI के अध्यक्ष एमके फैजी ने कहा कि, 'भाजपा शासन की गलत और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जिसने भी बात की, उसे गिरफ्तारियों और छापेमारी की धमकियों का सामना करना पड़ा है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विरोध और संगठन को भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ शासन की ओर से बेरहमी से दबा दिया गया है। सरकार जांच एजेंसियों और कानूनों का दुरुपयोग विपक्ष को चुप कराने और लोगों को असंतोष की आवाज व्यक्त करने से डराने के लिए कर रही है। देश में एक अघोषित आपातकाल स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।'