बदायूं। उत्तरप्रदेश के बदायूं में महिला के साथ हुए हैवानियत के मामले में योगी प्रशासन ने एक और जांच के आदेश दिए हैं। जिला प्रशासन ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट लीक को लेकर मजिस्टेट्र जांच का आदेश दिया है। अब जांच इस बात की होगी की महिला के साथ हुए इस जघन्य कृत्य की सच्चाई दुनिया के सामने लाने में किसकी भूमिका है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बदायूं जिले के डीएम ने एडीएम को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। डीएम ने मामले में नौ जनवरी तक रिपोर्ट मांगी है। प्रशासन का मानना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट लीक होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही है। मामले में जिला अस्पताल के डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, अस्पताल के लिपिक सहित कई लोग निशाने पर हैं।

गौरतलब है कि बदायूं के उघैती थाना क्षेत्र के पूजा करने गई 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। पुलिस प्रशासन पर इस मामले में लीपापोती का आरोप है। प्रशासन शुरुआत में इस घटना को सामान्य मौत बता रही थी। पुलिस का कहना था कि महिला की मौत कुएं में गिरकर हुई है। इतना ही नहीं हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस ने महिला के शव को 48 घंटे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा था।

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मामला तूल तब पकड़ा जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट मीडिया के माध्यम से दुनिया के सामने आई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में महिला के साथ सामूहिक बलात्कार की पुष्टि हुई। इतना ही नहीं इस बात की जानकारी मिली कि महिला के साथ निर्भया केस जैसीी जघन्य वारदात को अंजाम दिया गया था।  पीड़िता के प्राइवेट पार्ट्स में रॉड जैसी कोई चीज डाली गई थी। उसकी बायीं पसली, बायां पैर और बायां फेफड़ा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त किया गया था।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हैरत में थे। महिला की मौत की वजह अधिक रक्तस्राव व सदमा लगने से होना सामने आई थी। इस रिपोर्ट के बाद ही मामले ने तूल पकड़ा था और प्रशासन के ढुलमुल रवैए की बात सामने आई थी, जिसके बाद योगी सरकार की चौतरफा किरकिरी हुई। ऐसे में अब सरकार उन्हें निशाने पर लेने की तैयारी में है जिन्होंने इस रिपोर्ट को लीक किया।

मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण गिरफ्तार

गैंगरेप और हत्या की इस जघन्य घटना के मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह दो दिन से फरार था। पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। गौरतलब है कि हैवानियत की इस घटना में मंदिर के पुजारी समेत उसका चेला और ड्राइवर की संलिप्तता के आरोप हैं। पुलिस पर शुरुआत में महंत को बचाने का प्रयास करने का आरोप लग रहा था। हालांकि, अब चौतरफा आलोचनाओं का सामना कर रही उत्तरप्रदेश पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।

महिलाओं के खिलाफ अपराध में सबसे आगे है उत्तर प्रदेश

उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ हर वक़्त प्रदेश में चुस्त लॉ एंड आर्डर और रामराज्य की बात करते हैं, लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो कुछ और ही कहानी बता रही है। एनसीआरबी द्वारा हालिया प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश, देशभर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की राज्यवार सूची में टॉप पर है। यानी उत्तर प्रदेश में महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। सालभर में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 59 हजार 853 केस दर्ज किए गए हैं। राज्य में हर दो घंटे में एक महिला के साथ बलात्कार होता है।