बदायूं गैंगरेप: मंदिर में 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका का रेप, पुलिस पर लगा पुजारी को बचाने का आरोप

महिला से गैंगरेप के बाद हैवानों ने प्राइवेट पार्ट में डाली रॉड, पैर, फेफड़े और पसली भी डैमेज, खून से लथपथ शरीर को घर पर फेंककर आरोपी फ़रार, पुलिस पर 48 घंटे देर से पोस्टमार्टम कराने का आरोप

Updated: Jan 07, 2021, 01:13 PM IST

Photo Courtesy: Amar ujala
Photo Courtesy: Amar ujala

बदायूं। हाथरस के बाद अब उत्तरप्रदेश के बदायूं से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। बदायूं की एक 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका के साथ निर्भया जैसा जघन्य अपराध सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बीती 3 जनवरी की शाम 50 वर्षीय आंगनबाड़ी सहायिका मंदिर में पूजा करने गई थी। इस दौरान मंदिर के महंत सत्यनारायण, चेला वेदराम व उसका ड्राइवर जसपाल ने महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद खून से लथपथ महिला के शरीर को अपनी गाड़ी में लादकर महिला के घर के बाहर फेंककर फरार हो गए। परिजनों का आरोप है की जब इस घटना की जानकारी उन्होंने उघैती पुलिस थाने में दी तब पुलिस ने उनकी बातों को झूठ बताकर दरकिनार कर दिया। आरोप है कि गैंगरेप पीड़िता के शव को 48 घण्टे के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

मामला सामने आने के बाद से सामाजिक-राजनीतिक प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई है। लोग इसे निर्भया कांड से भी बदतर घटना मान रहे हैं।  कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने तो सीधे यूपी की योगी सरकार पर निशाना साधा है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है, 'हाथरस में सरकारी अमले ने शुरुआत में फरियादी की नहीं सुनी, सरकार ने अफसरों को बचाया और आवाज को दबाया। बदायूं में थानेदार ने फरियादी की नहीं सुनी, घटनास्थल का मुआयना तक नहीं किया। महिला सुरक्षा पर यूपी सरकार की नीयत में  खोट है।'

कब जागेगी योगी सरकार

हैवानियत की सारी हदें पार कर देने वाली इस घटना को लेकर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पूछा है कि योगी सरकार कब जागेगी। उन्होंने सीएम योगी पर गुस्सा जाहिर करते हुए ट्वीट किया, 'वीभत्स, जघन्य, मानवता हुई शर्मसार ! कितनी और निर्भय? कितनी और हैवानियत? कब जागेगी आदित्यनाथ सरकार? कहाँ है हमारे सजग पत्रकार?'

Randeep Singh Surjewala
@rssurjewala
वीभत्स, जघन्य, मानवता हुई शर्मसार !

कितनी और निर्भय?
कितनी और हैवानियत?
कब जागेगी आदित्यनाथ सरकार?
कहाँ है हमारे सजग पत्रकार?

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हैरान करने वाली बात यह है कि पुलिस लगातार इस बात को झुठलाती रही कि महिला के साथ रेप हुआ है, पुलिस का कहना था कि कुएं में गिरने से उसकी मौत हो गई। मामला जब मीडिया के माध्यम से आला अधिकारियों तक पहुंचा तब भी पुलिस ने पीड़िता के शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया।  4 जनवरी की घटना का 48 घंटे तक पोस्टमार्टम नहीं कराए जाने को लेकर पुलिस के रवैए पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पोस्टमार्टम में गैंगरेप की पुष्टि

महिला के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद डॉक्टरों ने गैंगरेप की पुष्टि की है। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम में महिला के प्राइवेट पार्ट्स में रॉड जैसे चीज डालने की भी पुष्टि हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक महिला के पसलियां और पैर टूटी हुई थी वहीं उसके फेफड़े भी बुरी तरह से डैमेज हुए हैं। इसके अलावा शरीर के सभी हिस्सों में गंभीर चोट के निशान हैं।

किरकिरी होने के बाद थानाध्यक्ष को किया निलंबित

मामले पर चौतरफा किरकिरी होने के बाद लापरवाही बरतने व घटना को दबाने के आरोप में एसएसपी संकल्प शर्मा ने थानाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया है। संकल्प शर्मा ने कहा, 'प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि स्थानीय थाना प्रभारी ने मामले को संभालने में लापरवाही की है। मैंने उनके निलंबन का आदेश दिया है।'

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जानकारी के मुताबिक पुलिस ने महंत के चेले वेदराम और ड्राइवर जसपाल को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, मुख्य आरोपी महंत सत्यनारायण अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस ने सत्यनारायण के लिए 50 हजार रुपए का इनाम भी रखा है। अब सवाल यह उठता है कि जघन्य घटनाओं के बाद अक्सर उत्तरप्रदेश पुलिस शुरुआत में अपराधियों को बचाने का प्रयास ही क्यों करती है जबतक मामला बढ़ न जाए? 

महिलाओं के खिलाफ अपराध में टॉपर है उत्तरप्रदेश

उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ हर वक़्त प्रदेश में चुस्त लॉ एंड आर्डर और रामराज्य की बात करते हैं, लेकिन नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो कुछ और ही कहानी बता रही है। एनसीआरबी द्वारा हालिया प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार उत्तरप्रदेश, देशभर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की राज्यवार सूची में टॉप पर है। यानी उत्तरप्रदेश में महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। सालभर में प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 59 हजार 853 केस दर्ज किए गए हैं। राज्य में हर दो घंटे में एक महिला के साथ बलात्कार होता है।