कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। गुरुवार को ममता बनर्जी के तीन सहयोगियों ने उन्हें अलविदा कह दिया है। पार्टी के प्रभावशाली नेता शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी छोड़ी तो साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (SBSTC) के अध्यक्ष दीप्तांग्शु चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके अलावा आसनसोल से असंतुष्ट विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ये सभी नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान बीजेपी का दामन थाम लेंगे। शुभेंदु अधिकारी के बारे में कहा जाता है कि वे राज्य के पश्चिमी हिस्से में 50 से अधिक सीटों पर स्थानीय नेताओं पर नियंत्रण रखते हैं। उन्होंने सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के अपने फैसले के बारे में जानकारी दी। अधिकारी ने अपने इस्तीफे में लिखा, 'मैं तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता के साथ पार्टी की ओर से मिले अन्य पदों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं। मैं सभी अवसरों और चुनौतियों के लिए आभारी हूं। मैं पार्टी सदस्य के रूप में बिताए गए समय की कद्र करूंगा।'

शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के पार्टी में तेजी से आगे बढ़ने को लेकर कड़वाहट जाहिर करते हुए पिछले महीने राज्य मंत्रिमंडल से भी इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने डायमंड हार्बर के एमपी अभिषेक बनर्जी की तरफ इशारा करते हुए कहा था, "मैं पैराशूट से न तो यहां पहुंचा हूं और न ही किसी लिफ्ट से आया हूं, मैं सीढ़ियों पर चढ़कर, कदम से कदम मिलाकर यहां तक ​​पहुंचा हूं।

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विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी अधिकारी के तुरंत बाद पार्टी छोड़ दी। इससे पहले आज तिवारी ने शुभेंदु अधिकारी के साथ बैठक के बाद शहर के नगर निकाय में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तिवारी ने ममता सरकार पर केंद्र की ओर से मिल रहे फंड पर राजनीति करने का आरोप लगाया था। उन्होंने मंगलवार को राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम से मिलने तक से मना कर दिया था और कहा था कि वह सिर्फ ममता बनर्जी से बात करेंगे। जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार राजनीति की वजह से आसनसोल नगर निगम को केंद्र से मिलने वाला फंड इस्तेमाल नहीं करने दे रही है।